एयर इंडिया प्लेन क्रैश: AAIB की रिपोर्ट में सामने आए क्या तथ्य? किन सवालों के जवाब अब भी अनसुलझ

एयर इंडिया प्लेन क्रैश: AAIB की रिपोर्ट में सामने आए क्या तथ्य? किन सवालों के जवाब अब भी अनसुलझ


Air India Plane Crash Report: एयर इंडिया की फ्लाइट AI171  12 जून 2024 की सुबह अहमदाबाद से लंदन के लिए रवाना हुई थी. यह उड़ान बोइंग 787-8 ड्रीमलाइनर विमान से संचालित की जा रही थी. टेक-ऑफ के कुछ ही देर बाद विमान एक मेडिकल कॉलेज हॉस्टल से टकरा गया, जिससे 260 यात्रियों की मौके पर ही मौत हो गई. यह दुर्घटना न केवल भारत की सबसे बड़ी विमान त्रासदियों में से एक है, बल्कि यह पूरी दुनिया में बोइंग 787-8 ड्रीमलाइनर की पहली घातक दुर्घटना भी मानी जा रही है.

अब एयरक्राफ्ट एक्सीडेंट इन्वेस्टिगेशन ब्यूरो (AAIB) ने इस हादसे पर अपनी 15 पन्नों की प्रारंभिक रिपोर्ट जारी की है, जिसमें हादसे से जुड़ी कई महत्वपूर्ण जानकारियां सामने आई हैं, लेकिन कुछ रहस्य अब भी बरकरार हैं.

टेक-ऑफ के तुरंत बाद दोनों इंजन बंद!
AAIB की रिपोर्ट के अनुसार, विमान टेक-ऑफ के 7 सेकंड बाद ही दोनों इंजनों के ईंधन नियंत्रण स्विच अचानक “RUN” से “CUTOFF” पर चले गए, जिससे दोनों इंजनों को ईंधन मिलना बंद हो गया. यह पूरी प्रक्रिया एक सेकेंड के अंदर हुई. इससे इंजन का थ्रस्ट पूरी तरह चला गया और विमान ने ऊंचाई नहीं पकड़ पाई. रिपोर्ट में बताया गया है कि पायलटों ने तत्काल स्थिति को समझते हुए इंजन दोबारा चालू करने की कोशिश की.

दोनों स्विच वापस “RUN” पर लाए गए और उनमें से एक इंजन चालू भी हो गया, लेकिन तब तक बहुत देर हो चुकी थी. विमान टेक-ऑफ के सिर्फ 32 सेकंड बाद ही दुर्घटनाग्रस्त हो गया. कॉकपिट वॉयस रिकॉर्डर में एक पायलट दूसरे से पूछते हुए रिकॉर्ड हुआ, “तुमने फ्यूल क्यों काटा?”, जवाब मिला, “मैंने नहीं किया.” लेकिन यह स्पष्ट नहीं हो पाया कि कौन-सी आवाज किस पायलट की थी.

विमान उड़ान भरने की हालत में था और पायलट भी थे अनुभवी
रिपोर्ट बताती है कि विमान पूरी तरह से एयरवर्दी (उड़ान योग्य) था. टेक-ऑफ से पहले सभी जरूरी तकनीकी निरीक्षण किए गए थे. कप्तान सुमित सभरवाल के पास 15,000 घंटे की उड़ान का अनुभव था, जिनमें 8,600 घंटे बोइंग 787 पर थे. उनके साथ फ्लाइट में फर्स्ट ऑफिसर क्लाइव कुंदर थे, जिनके पास भी 3,400 घंटे का अनुभव था. दोनों ने प्री-फ्लाइट ब्रेथ एनालाइजर टेस्ट पास किया था और CCTV में भी उनकी मौजूदगी साफ दिखी थी.

रिपोर्ट में यह भी बताया गया कि FAA ने साल 2018 में एक चेतावनी जारी की थी, जिसमें बोइंग विमानों में फ्यूल कंट्रोल स्विच के लॉकिंग मैकेनिज्म के संभावित विफल होने की बात कही गई थी. लेकिन यह अनिवार्य नहीं, केवल सलाहात्मक थी, इसलिए उस पर कोई कार्रवाई नहीं की गई.

क्या यह इलेक्ट्रॉनिक गड़बड़ी थी?
एक बड़ा सवाल यह है कि दोनों फ्यूल स्विच एक साथ अचानक कैसे बंद हो गए? क्या यह पायलट की गलती थी या कोई तकनीकी गड़बड़ी? कुछ विमानन विशेषज्ञों ने आशंका जताई है कि इंजन के इलेक्ट्रॉनिक कंट्रोल यूनिट (ECU) में मौजूद MN4 माइक्रोप्रोसेसर में खराबी के कारण यह हो सकता है. FAA और GE द्वारा 2021 में जारी एक संयुक्त सर्विस बुलेटिन में भी इस माइक्रोप्रोसेसर की सोल्डर-बॉल थकान (thermal cycling fatigue) को संभावित खतरे के रूप में चिन्हित किया गया था.

इस थकान के कारण स्विच अपने-आप CUTOFF पर ट्रिप हो सकते हैं, जिससे इंजन अचानक बंद हो सकते हैं, जैसा कि इस दुर्घटना में हुआ.

किन सवालों के जवाब बाकी?
रिपोर्ट के अनुसार, टेक-ऑफ के दौरान लैंडिंग गियर को ऊपर नहीं किया गया था. यह संभव है कि पायलट उस वक्त इंजन फेल्योर से निपटने में व्यस्त थे और “गियर अप” कॉल देना भूल गए. इसके अलावा, कॉकपिट की कोई वीडियो रिकॉर्डिंग नहीं है, जिससे यह जानना मुश्किल हो गया है कि स्विच वास्तव में किसने और कैसे बदले. कई विशेषज्ञों ने इस पर चिंता जताई है और भविष्य में कॉकपिट में वीडियो रिकॉर्डिंग की मांग की है.

रिपोर्ट में यह भी बताया गया कि इमरजेंसी लोकेटर ट्रांसमीटर (ELT) ने कोई डिस्ट्रेस सिग्नल नहीं भेजा, जबकि दुर्घटना के वक्त उस पर 3.2 से 3.5g का प्रभाव पड़ा था – जोकि सामान्यतः सिग्नल ट्रिगर करने के लिए पर्याप्त होता है.

जांच टीम और अंतिम रिपोर्ट
कुछ पायलट संगठनों ने AAIB की जांच टीम की विशेषज्ञता पर सवाल उठाए थे. इसके जवाब में AAIB ने स्पष्ट किया कि टीम में पायलट, इंजीनियर, एविएशन मेडिसिन विशेषज्ञ और फ्लाइट रिकॉर्डिंग विशेषज्ञ शामिल हैं, जो इस मामले की गहराई से जांच कर रहे हैं.

AAIB ने कहा है कि अंतिम विस्तृत रिपोर्ट 12 जून 2026 तक जारी की जाएगी. तब तक, कोई स्पष्ट निष्कर्ष नहीं निकाला गया है और 787-8 या GE GEnx-1B इंजन ऑपरेटरों के लिए कोई नई सुरक्षा सलाह नहीं जारी की गई है.



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