पहलगाम आतंकी हमले के बाद भारत सरकार ने 2 मई 2025 को पाकिस्तान मूल के सामानों के प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष आयात पर पूर्ण प्रतिबंध लगा दिया था. इसी के तहत राजस्व खुफिया निदेशालय (DRI) ने ‘ऑपरेशन डीप मैनिफेस्ट’ की शुरुआत की, जिसके तहत लगातार पाकिस्तान से आने वाले माल की निगरानी और जब्ती की जा रही है.
इसी अभियान के तहत मुंबई DRI ने न्हावा शेवा पोर्ट पर 28 कंटेनरों को जब्त किया, जिनमें पाकिस्तान मूल के कॉस्मेटिक्स और सूखे खजूर शामिल थे. जब्त किए गए 800 मीट्रिक टन माल की कीमत लगभग 12 करोड़ रुपये आंकी गई है.
सरकार के प्रतिबंधों का खुलेआम उल्लंघन
ये माल तीन भारतीय आयातकों की ओर से मंगाया गया था, जिन्होंने सरकार की तरफ से लगाए गए प्रतिबंधों का खुलेआम उल्लंघन किया. जांच में पता चला कि यह माल दुबई (जेबल अली पोर्ट) के रास्ते गलत डिक्लेयर करके UAE मूल का बताया गया था, जबकि इसकी असली उत्पत्ति पाकिस्तान थी.
सूखे खजूर के मामले में दुबई स्थित एक सप्लायर, जिसने फर्जी इनवॉइस के जरिए पाकिस्तान से खजूर की ट्रांस-शिपमेंट कराई थी, को गिरफ्तार किया गया है. यह पूरा नेटवर्क पाकिस्तान, भारत और UAE के कारोबारियों के बीच एक जटिल लेन-देन के जरिए चल रहा था. गिरफ्तार सप्लायर भारत का नागरिक है और कमीशन पर काम करते हुए उसने अपनी फर्मों के जरिए वित्तीय लेन-देन भी पाकिस्तान तक पहुंचाया.
राष्ट्रीय सुरक्षा को भी खतरा
कॉस्मेटिक्स के मामले में एक कस्टम्स ब्रोकर को गिरफ्तार किया गया है, जिसने गलत घोषणा करके पाकिस्तान मूल के कॉस्मेटिक्स की तस्करी को अंजाम दिया. इससे पहले जुलाई 2025 में DRI ने इस ऑपरेशन के तहत 39 कंटेनरों से 1,115 मीट्रिक टन सामान जब्त किया था, जिसकी कीमत 9 करोड़ रुपये थी और उस आयातक को गिरफ्तार किया गया था.
इसके बावजूद कुछ आयातक प्रतिबंधों को दरकिनार करने के लिए फर्जी दस्तावेज और गलत घोषणाओं का सहारा ले रहे हैं. DRI का मानना है कि इस तरह का अवैध आयात न केवल आर्थिक नुकसान पहुंचाता है, बल्कि पाकिस्तान से जुड़े नेटवर्क के जरिए राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए भी गंभीर खतरा उत्पन्न करता है.
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