ऑपरेशन बाम सिर्फ शुरुआत… BNM का बड़ा बयान, कहा- बलूचिस्तान कभी नहीं होगा पाकिस्तान का हिस्सा

ऑपरेशन बाम सिर्फ शुरुआत… BNM का बड़ा बयान, कहा- बलूचिस्तान कभी नहीं होगा पाकिस्तान का हिस्सा


Qazi Dad Mohammad Rehan: बलोच नेशनल मूवमेंट (BNM) के सूचना सचिव काज़ी दाद मोहम्मद रेहान ने ANI से बातचीत में साफ कहा है कि ‘बलूचिस्तान कभी पाकिस्तान का हिस्सा नहीं बनेगा.’ उन्होंने यह बयान पाकिस्तान सेना के खिलाफ चलाए जा रहे ‘ऑपरेशन बाम’ के लॉन्च के दौरान दिया, जिसे बलोच लिबरेशन फ्रंट (BLF) ने अंजाम दिया.

क्या है ऑपरेशन बाम?
मंगलवार रात शुरू हुआ यह अभियान पंजगुर, सुराब, कीच और खरान जैसे जिलों में चला, जिसमें 17 सशस्त्र हमले किए गए. BLF ने इन हमलों को ‘बलोच आज़ादी संग्राम का नया अध्याय’ बताया है. संचार नेटवर्क, सैन्य चौकियों और सरकारी इमारतों को नुकसान पहुंचाया गया.

BLF का दावा- अब लड़ाई सिर्फ सरदारों की नहीं
रेहान ने कहा कि अब संघर्ष का नेतृत्व आम बलोच जनता और तकनीकी रूप से दक्ष युवा कर रहे हैं. उन्होंने पाकिस्तान के संसदीय सिस्टम को नकारते हुए कहा-‘हम सिर्फ पूरी स्वतंत्रता चाहते हैं, न कि किसी दिखावटी अधिकार.’

हमारी लड़ाई केवल और केवल पूर्ण स्वतंत्रता के लिए है- रेहान
बलोच नेशनल मूवमेंट (BNM) के नेता काज़ी दाद मोहम्मद रेहान ने साफ शब्दों में कहा कि उनका संगठन पाकिस्तान की संसदीय व्यवस्था को पूरी तरह खारिज करता है.
उन्होंने कहा, “हम पाकिस्तानी संसद का बहिष्कार करने वाली पहली पार्टी हैं. हमने यह स्पष्ट कर दिया है कि हम पाकिस्तान के अधीन किसी भी रूप में नहीं रहना चाहते. हमारी लड़ाई न तो सीमित स्वायत्तता के लिए है और न ही किसी सांकेतिक अधिकार के लिए, बल्कि यह पूरी आज़ादी की लड़ाई है.”

रेहान ने बताया कि बलोच संघर्ष की जड़ें 1948 में हैं, जब पाकिस्तान ने बलूचिस्तान को जबरन अपने में मिला लिया था. हमारे लोगों ने पहले दिन से ही इसका विरोध शुरू कर दिया था. शुरुआत में यह विद्रोह कबायली नेतृत्व के नेतृत्व में चला, लेकिन अब बलोच लिबरेशन फ्रंट (BLF) इस आंदोलन का आधुनिक और जन-आधारित चेहरा बन चुका है.

CPEC की तीखी आलोचना
रेहान ने चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारे (CPEC) को ‘बलोच संसाधनों का शोषण’ बताया. ‘हमें कुछ नहीं मिला, हमारी जमीन पर अरबों लगे, लेकिन जनता अब भी गरीब और हाशिए पर है.’ रेहान ने कहा, ‘ऑपरेशन बाम एक नई शुरुआत है. दुनिया को समझना होगा कि बलोच आंदोलन न्यायोचित और अपरिहार्य है.’ ‘बलूचिस्तान बलोचों का है, पंजाब या किसी और का नहीं.’



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