ऑपरेशन सिंदूर में मिली करारी शिकस्त और हुए भारी नुकसान के बाद पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ अपने चार खास मुस्लिम देशों के पास अपना रोना लेकर पहुंच गए हैं. रविवार (25 मई, 2025) को तुर्किए से उन्होंने अपने दौरे की शुरुआत की. दो दिन यहां रहने के बाद वह ईरान, अजरबैजान और ताजिकिस्तान भी जाएंगे. वैसे तो पाकिस्तान सऊदी अरब और संयुक्त अरब अमीरात के साथ भी दोस्ती के ढोल पीटता है, लेकिन जिन देशों के दौरे पर शहबाज निकले हैं, उनमें इन दोनों देशों का नाम नहीं है.
पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने तुर्किए के राष्ट्रपति रजब तैयब एर्दोआन से मुलाकात की. इस मुलाकात के दौरान दोनों नेताओं ने द्विपक्षीय संबंधों के संपूर्ण आयाम की समीक्षा की और रणनीतिक साझेदारी को बढ़ाने का संकल्प दोहराया. शहबाज शरीफ चार मित्र देशों की अपनी यात्रा के तहत रविवार (25 मई, 2025) को दो दिवसीय दौरे पर तुर्किए पहुंचे.
सरकारी प्रसारक पीटीवी न्यूज के अनुसार, शहबाज शरीफ और एर्दोआन ने रविवार को प्रतिनिधिमंडल स्तर की बैठक की. एर्दोआन के साथ अपनी बैठक में शहबाज शरीफ ने संयुक्त उद्यमों और द्विपक्षीय निवेश बढ़ाने की वकालत की और नवीकरणीय ऊर्जा, सूचना प्रौद्योगिकी, रक्षा उत्पादन, बुनियादी ढांचे के विकास और कृषि जैसे प्रमुख क्षेत्रों को आपसी हित के संभावित क्षेत्रों के रूप में रेखांकित किया.
दोनों नेताओं ने द्विपक्षीय संबंधों के संपूर्ण आयाम की व्यापक समीक्षा की तथा रणनीतिक साझेदारी को बढ़ाने का अपना संकल्प दोहराया. शहबाज शरीफ ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा, ‘हमने अपने बहुआयामी द्विपक्षीय संबंधों, विशेष रूप से व्यापार और निवेश में जारी प्रगति की भी समीक्षा की. भाईचारे और सहयोग के इन अटूट बंधनों को और मजबूत करने के लिए मिलकर काम करना जारी रखने के अपने संकल्प की पुष्टि की.’
शहबाज शरीफ ने इस महीने भारत के साथ सैन्य टकराव के दौरान अपने देश के समर्थन के लिए एर्दोआन को धन्यवाद भी दिया. 22 अप्रैल को पहलगाम आतंकवादी हमले के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव बढ़ गया था.
भारत ने 6 और 7 मई की दरमियानी रात को पाकिस्तान और इसके कब्जे वाले कश्मीर में आतंकवादी ठिकानों पर ऑपरेशन सिंदूर के तहत सटीक हमले किए थे. इसके बाद पाकिस्तान ने 8, 9 और 10 मई को भारतीय सैन्य ठिकानों और सिविलियन एरिया पर हमले करने की नाकाम कोशिश की. भारतीय सेना ने पाकिस्तान की इस कार्रवाई का कड़ा जवाब दिया.
10 मई को दोनों पक्षों के सैन्य अभियान महानिदेशकों के बीच वार्ता के बाद सैन्य कार्रवाई रोकने पर सहमति बनी थी. एर्दोआन के साथ बैठक के दौरान शहबाज शरीफ के साथ विदेश मंत्री इसहाक डार, सेना प्रमुख (COAS) फील्ड मार्शल आसिम मुनीर और सूचना मंत्री अताउल्ला तरार भी थे.
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