ऑर्डर किया नया MacBook, मिला इस्तेमाल किया हुआ डिवाइस, Flipkart ग्राहक का आरोप

ऑर्डर किया नया MacBook, मिला इस्तेमाल किया हुआ डिवाइस, Flipkart ग्राहक का आरोप


सोचिए आपने बड़ी उम्मीदों से एक नया MacBook Pro खरीदा हो, वो भी पूरे ₹26 लाख खर्च करके, और जब डिलीवरी हो तो पैक बॉक्स के अंदर से निकले एक पुराना, इस्तेमाल किया हुआ लैपटॉप! यही झटका झेला है देवांशु धंधल ने, जिनका अनुभव इन दिनों सोशल मीडिया पर खूब चर्चा में है.

देवांशु ने Flipkart से MacBook Pro का ऑर्डर दिया था. उन्होंने डिलीवरी के समय कोई रिस्क न लेते हुए पूरा अनबॉक्सिंग वीडियो रिकॉर्ड किया. बॉक्स पूरी तरह सील था, लेकिन अंदर का लैपटॉप साफ तौर पर इस्तेमाल किया हुआ लग रहा था, उस पर निशान और स्क्रैच मौजूद थे.

दोबारा मंगवाया, फिर भी वही हाल

देवांशु ने पहली बार की गलती मानते हुए रिप्लेसमेंट का ऑप्शन चुना. इस बार उन्होंने Ekart के ऑफिस में CCTV कैमरों के नीचे डिलीवरी पैकेज खोलने का फैसला किया. लेकिन हैरानी की बात ये थी कि दूसरा MacBook भी नया नहीं था. एक बार फिर उन्हें वही पुराना और इस्तेमाल किया हुआ डिवाइस थमा दिया गया.

सपोर्ट टीम का रवैया भी बना टेंशन

जब देवांशु ने Flipkart की कस्टमर केयर टीम से संपर्क किया, तो शुरुआत में उन्हें रिटर्न की प्रक्रिया शुरू करने का भरोसा दिया गया. फिर मुआवजे के नाम पर ₹13,000, फिर ₹18,000 और उसके बाद लैपटॉप की कुल कीमत का 10% ऑफर किया गया. लेकिन देवांशु ने किसी भी ऑफर को स्वीकार नहीं किया क्योंकि उनकी मांग एकदम साफ थी – नया प्रोडक्ट चाहिए या पूरा पैसा वापस.

बाद में कंपनी ने रिटर्न को भी मंजूर करने से मना कर दिया. देवांशु का कहना है कि उन्होंने डिवाइस पर से निशान हटा दिए, लेकिन यह तो साफ है कि सामान नया नहीं था.

सिर्फ एक मामला नहीं है ये

देवांशु ने सोशल मीडिया पर अपने अनुभव से जुड़े सबूत शेयर किए हैं और बताया कि वो अकेले नहीं हैं जो इस तरह के धोखे का शिकार हुए हैं. उन्होंने बताया कि “Treasure Haul Online” नाम का वही विक्रेता पहले भी इसी तरह की शिकायतों में घिरा है. Reddit, YouTube, LinkedIn और X पर कई यूजर्स इसी विक्रेता को लेकर शिकायतें कर चुके हैं.

Flipkart की चुप्पी पर उठ रहे सवाल

इस पूरे मामले पर Flipkart की ओर से अब तक कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है. लेकिन सवाल ये है कि आखिर इतनी बड़ी ई-कॉमर्स साइट अपने प्लेटफॉर्म पर मौजूद थर्ड-पार्टी सेलर्स की निगरानी कैसे करती है, खासकर जब बात लाखों के गैजेट्स की हो?

सीख क्या है?

देवांशु ने अपने अनुभव को एक चेतावनी की तरह साझा किया है – अगर आप ऑनलाइन कोई महंगा गैजेट खरीद रहे हैं, तो डिलीवरी के वक्त हर चीज रिकॉर्ड करें और डील करने से पहले विक्रेता के बारे में रिसर्च जरूर करें. इस मामले ने एक बार फिर साबित कर दिया है कि ऑनलाइन शॉपिंग में भरोसे के साथ-साथ सावधानी भी उतनी ही जरूरी है.



Source link

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *