‘कंफर्ट जोन के बंधन में नहीं बंधे सुभाष चंद्र बोस’, पराक्रम दिवस पर पीएम मोदी का मैसेज

‘कंफर्ट जोन के बंधन में नहीं बंधे सुभाष चंद्र बोस’, पराक्रम दिवस पर पीएम मोदी का मैसेज


Subhash Chandra Bose Jayanti: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने गुरुवार को लोगों से ‘विकसित भारत’ के संकल्प को पूरा करने के लिए एकजुट रहने का आह्वान किया और उन्हें देश को कमजोर करने और इसकी एकता को तोड़ने की कोशिश करने वाली ताकतों से आगाह भी किया.

महान स्वतंत्रता सेनानी नेताजी सुभाष चंद्र बोस की जयंती के मौके पर ओडिशा के कटक में आयोजित पराक्रम दिवस कार्यक्रम को वीडियो संदेश के माध्यम से संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि नेताजी का जीवन लोगों के लिए निरंतर प्रेरणा का स्रोत है. उन्होंने आराम का क्षेत्र छोड़ने का विकल्प चुना और देश की आजादी के लिए संघर्ष करना पसंद किया.

पीएम मोदी ने कहा, ‘नेताजी सुभाष चंद्र बोस कंफर्ट जोन के बंधन में नहीं बंधे. इसी तरह आज हम सभी को विकसित भारत के निर्माण के लिए अपने कंफर्ट जोन से बाहर निकलना है. हमें खुद को दुनिया में सर्वश्रेष्ठ बनाना है और उत्कृष्टता को चुनना है, दक्षता पर ध्यान केंद्रित करना है.’

‘विकसित भारत के लिए हमें एक रहना है’
पीएम मोदी ने कहा कि नेताजी ने देश की स्वतंत्रता के लिए आजाद हिंद फौज का गठन किया और इसमें देश के हर क्षेत्र व हर वर्ग के लोग शामिल थे, जिनकी भाषाएं अलग-अलग थीं, लेकिन भावना एक थी और वह थी देश की आजादी. उन्होंने कहा, ‘यही एकजुटता आज विकसित भारत के लिए भी बहुत बड़ी सीख है. तब स्वराज के लिए हमें एक होना था, आज विकसित भारत के लिए हमें एक रहना है.’ उन्होंने कहा, ‘हमें उन लोगों से सतर्क रहना होगा जो देश को कमजोर करना चाहते हैं और इसकी एकता को तोड़ना चाहते हैं.’

‘भारत की विरासत पर नेताजी को गर्व था’
प्रधानमंत्री ने अंडमान में बोस के नाम पर द्वीपों का नामकरण किए जाने और इंडिया गेट पर उनकी प्रतिमा की स्थापना और उनकी जयंती को ‘पराक्रम दिवस’ के रूप में मनाने सहित कई फैसलों का जिक्र किया और कहा कि नेताजी भारत की विरासत पर बहुत गर्व किया करते थे. मोदी ने कहा कि विकास की तेज गति लोगों की प्रगति, सशस्त्र बलों की मजबूती और समग्र विकास के साथ-साथ चलती है. बीते दशक में 25 करोड़ भारतीयों को गरीबी से बाहर निकाला गया है जो कि बहुत बड़ी सफलता है.

पीएम मोदी ने कहा, आज गांव हो या शहर, हर तरफ आधुनिक अवसंरचना का निर्माण हो रहा है और साथ ही भारत की सेना की ताकत में भी अभूतपूर्व वृद्धि हुई है. विश्व मंच पर भारत की भूमिका बढ़ रही है और भारत की आवाज बुलंद हो रही है. वह दिन दूर नहीं जब भारत दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी आर्थिक ताकत बनेगा. हमें नेताजी सुभाष चंद्र बोस की प्रेरणा से ‘एक लक्ष्य-एक ध्येय’ विकसित भारत के लिए निरंतर काम करते रहना है.

यह भी पढ़ें…

Prediction For 2025: जो बोला सब हुआ, 2025 के लिए भी कर दी डरावनी भविष्यवाणी; क्या भविष्य मालिका पढ़कर डरा रहे हैं निकोलस



Source link

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *