Manipur CM Resign: मणिपुर में नेतृत्व परिवर्तन की मांग को लेकर बीजेपी की प्रदेश इकाई में जारी खींचतान के बीच मुख्यमंत्री एन. बीरेन सिंह ने रविवार (9 फरवरी 2025) को राजभवन में राज्यपाल अजय कुमार भल्ला को अपना इस्तीफा सौंप दिया. राज्यपाल ने एन बीरेन सिंह के साथ-साथ उनकी मंत्रिपरिषद का इस्तीफा भी स्वीकार कर लिया और अनुरोध किया कि वैकल्पिक व्यवस्था होने तक वह पद पर बने रहें. अब इस मामले को लेकर राजनीति तेज हो गई है. कांग्रेस महासचिव ने एन बीरेन सिंह के इस्तीफे के पीछे का क्रोनोलॉजी समझाया.
जयराम रमेश ने समझाया क्रोनोलॉजी
कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने एन बीरेन सिंह के इस्तीफे को लेकर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह पर जमकर निशाना साधा. उन्होंने कहा, “क्रोनोलॉजी समझिये, मणिपुर विधानसभा में 10 फरवरी 2025 को अविश्वास प्रस्ताव लाया जा रहा था. इसे लेकर कई दिनों से बात चल रही थी, लेकिन नोटिस 10 फरवरी का था.”
उन्होंने कहा, “मुख्यमंत्री को ये लग गया था कि माहौल बन रहा है और बहुमत उनके पास नहीं हैं. उन्हें लग गया था कि अविश्वास प्रस्ताव पारित होगा और उन्हें इस्तीफा देना पड़ेगा, इसलिए उन्होंने आज ही इस्तीफा दे दिया. ये उनकी मजबूरी थी. मई 2023 से मणिपुर में सैकड़ों लोग मारे गए. 60 हजार लोग बेघर-विस्थापित हुए. समाज में जो लोग मिलकर काम करते थे, वो वातावरण वहां बदल गया है. वहां बैर और शक का माहौल है.”
‘एन बिरेन सिंह तो एक कठपुतली थे’
कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने कहा, “हमारे फ़्रीक्वेंट फ्लायर प्रधानमंत्री दुनियाभर का दौरा करते हैं. कल वो फ्रांस और फिर अमेरिका जाएंगे, लेकिन मणिपुर नहीं गए हैं. अभी जो मुख्यमंत्री ने इस्तीफा दिया है, उसमें देरी हुई है, लेकिन जिम्मेदारी तो गृह मंत्री की है. एन बिरेन सिंह तो एक कठपुतली थे. गृह मंत्री अपनी जिम्मेदारी क्यों नहीं समझते, इस्तीफा तो उन्हें देना चाहिए. प्रधानमंत्री 20 महीने से मणिपुर क्यों नहीं गए हैं? 20 फरवरी 2025 को पीएम मोदी गुवाहाटी जाने वाले हैं. प्लेन से तो गुवाहाटी से इंफाल आधे घंटे का रास्ता है. यहां इस्तीफा देना पहला कदम है.”
तुरंत मणिपुर जाएं पीएम मोदी- जयराम रमेश
कांग्रेस नेता ने कहा, “मणिपुर की स्थिति इतनी बिगड़ गई है कि मुझे नहीं लगता कि किसी नये मुख्यमंत्री के आने से कई फर्क पड़ेगा. बीजेपी के सरकार बनने के 15 महीने के अंदर मणिपुर जलने लगा. ऐसा क्यों हुआ, इसका मौलिक कारण जानना पड़ेगा. प्रधानमंत्री ने अपनी जिम्मेदारी कबूल नहीं की. पीएम तुरंत मणिपुर जाएं वहां के लोगों से मिलें, अलग-अलग राजनीतिक दलों से मिलें. पीएम बार-बार कहते हैं कि डबल इंजन की सरकार, लेकिन मणिपुर में तो एक भी इंजन नहीं है.”
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