रॉयल कैनेडियन माउंटेड पुलिस (RCMP) ने आखिरकार उस रहस्यमय शख्स की पहचान कर ली है जिसने 23 जून 1985 को एयर इंडिया बम विस्फोट से कुछ हफ़्ते पहले वैंकूवर द्वीप पर बम परीक्षण में मदद की थी. हालांकि पुलिस ने नाम का खुलासा करने से इनकार कर दिया है. एयर इंडिया का विमान कनाडा के मॉन्ट्रियल से उड़ा था और मुंबई के लिए रवाना हुआ था.
कनाडाई मीडिया रिपोर्टों के मुताबिक RCMP के सहायक आयुक्त डेविड टेबुल ने कहा कि सामूहिक हत्याकांड के मामले में पहले से अज्ञात संदिग्ध की हाल ही में बिना किसी आरोप का सामना किए मौत हो गई. उन्होंने कहा कि गोपनीयता कानून के कारण उस व्यक्ति का नाम नहीं बता सकते, भले ही वो मर चुका हो.
23 जून 1985 को एयर इंडिया में हुआ था बम विस्फोट
डेविड टेबुल ने यह खुलासा उस घटना की 40वीं वर्षगांठ (23 जून) से पहले किया है, जिसमें AI 182 विमान में सवार सभी 329 (307 यात्री और 22 चालक दल के सदस्य) मारे गए थे. पीड़ितों के दर्जनों रिश्तेदार सेवा में शामिल होने के लिए पहुंचे, जिनकी मौत आयरलैंड के तट पर एयर इंडिया की फ्लाइट 182 में बम विस्फोट में हुई थी. जब बम विस्फोट हुआ, उस दौरान वो लंदन की ओर उड़ान भर रहा था.
रहस्यमय व्यक्ति आतंकी तलविंदर परमार के साथ गया था डंकन
डेविड टेबुल ने कहा कि 2005 में बम विस्फोट में दो प्रमुख संदिग्धों को बरी किए जाने के बावजूद जांचकर्ताओं ने मामले में तफ्तीश जारी रखी. इससे उन्हें रहस्यमय व्यक्ति की पहचान का पता चला. मिस्टर एक्स नाम का रहस्यमयी व्यक्ति 4 जून 1985 को आतंकी साजिश के मास्टरमाइंड तलविंदर सिंह परमार के साथ डंकन पहुंचा था.
उन्होंने बताया कि इसके बाद दोनों लोग इलेक्ट्रीशियन इंद्रजीत सिंह रेयात के साथ मिल गए. कनाडा की सुरक्षा खुफिया सेवा के एजेंटों की निगरानी में तीनों व्यक्ति बम का परीक्षण करने के लिए जंगल में घुस गए. हालांकि एजेंटों ने विस्फोट की आवाज सुनी, लेकिन शुरुआत में इसे गोली की आवाज समझा.
बब्बर खालसा सिख अलगाववादी समूह के संस्थापक परमार को एयर इंडिया हमले की साजिश में आरोपित किए जाने से पहले ही 1992 में पंजाब पुलिस ने मार गिराया था. रेयात ने एयर इंडिया बम बनाने में मिस्टर एक्स और परमार की मदद करने का बात कबूल की.
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