<p style="text-align: justify;">10वीं हो या 12 वीं, बोर्ड हो अथवा कोई कंपीटिव परीक्षा बच्चों को टेंशन, स्ट्रेस हो ही जाता है. विद्यार्थियों में तो एग्जाम को लेकर स्ट्रेस होता ही है पेरेंट्स भी इससे अछूते नहीं रह पाते हैं. कुछ पेरेंट्स एग्जाम को लेकर बच्चों को कुछ ज्यादा ही पैनिक कर देते हैं. जबकि यह समय कूल रहने और समझदारी से काम लेने का होता है. जरूरत से ज्यादा फिक्र आपके बच्चे का रिजल्ट खराब कर सकती है वहीं यह उसके पूरे जीवन के लिए नुकसानदेह साबित हो सकता है. एग्जाम के दिनों में बच्चों के साथ कैसा व्यवहार करें, उन पर कैसे नजर रखें, उनका तनाव कैसे दूर करें इस बारे में विशेषज्ञों से बातचीत के आधार पर जानने की कोशिश करते हैं.</p>
<p style="text-align: justify;"><strong>एग्जाम के स्ट्रेस को दूर करने के लिए पेरेंट्स ये उपाय अपनाएं</strong></p>
<ul>
<li style="text-align: justify;">पढ़ाई के दौरान लम्बे समय तक बच्चों को न पढ़ने दें. बीच में पढ़ाई में ब्रेक दें</li>
<li style="text-align: justify;">बच्चों को टाइम मैनेजमेंट करना सिखाएं</li>
<li style="text-align: justify;">आत्म विश्वास दिलाएं कि वह सभी सवालों को हल करने की क्षमता रखता है</li>
<li style="text-align: justify;">समझाएं कि हर कोई कभी न कभी गलती करता है,</li>
<li style="text-align: justify;">अगर एक बार गलती हो जाए तो उससे सबक लेकर अगली बार और बेहतर करना चाहिए</li>
<li style="text-align: justify;">बच्चों को डांटने के बजाय प्रोत्साहित करें</li>
<li style="text-align: justify;">पढ़ाई के बीच में कुछ समय खेल, म्युजिक आदि को देने को कहें, कुछ नहीं तो उसे टहलने की सलाह दें.</li>
<li style="text-align: justify;">बच्चों पर न डाले ज्यादा दबाव</li>
<li style="text-align: justify;">बच्चों की परेशानियां सुनें और समझें</li>
<li style="text-align: justify;">उन्हें ज्यादा से ज्यादा समय दें</li>
</ul>
<p><strong>व्यवहार परिवर्तन पर रखें नजर</strong></p>
<p>मनोवैज्ञानिकों के अनुसार बच्चों को एग्जाम स्ट्रेस से पहले स्ट्रेस के लक्षणों को जानना आवश्यक है. इसलिए जानिए कहीं आपके बच्चे में भी तो ये लक्षण विकसित नहीं हो रहे. नॉर्मल रहने वाले बच्चे के व्यवहार में परिवर्तन दिखे तो तुरंत ध्यान दें. एग्जाम के स्ट्रेस में बच्चों में चिड़चिड़ापन आने लगता है. कई वह बात-बात पर गुस्सा हो जाते हैं. स्ट्रेस के कारण उनका सोने का समय डिस्टर्ब हो जाता है. बच्चा रात में देर तक जागता है और सुबह जल्दी उठ जाता है. ऐसे में पेरेंट्स को उससे बात करनी चाहिए और उसकी परेशानी समझनी चाहिए. अगर आपका बच्चा अचानक शांत हो गया है और मायूस रहने लगा है.</p>
<p><strong>इसे भी समझें</strong></p>
<p>बच्चे जब कोई भी एग्जाम देते हैं, तो उनके मन में डर आ ही जाता है. ऐसे में पेरेंट्स की जिम्मेदारी है कि वह बच्चों के मन से इस डर को खत्म करें. इसके लिए एग्जाम को लेकर घर में पॉजिटिव माहौल बनाए रखें. उन्हें महसूस न कराएं कि बोर्ड एग्जाम के आधार पर ही उनका भविष्य निर्धारित होगा. बच्चों को समझाएं कि गलतियां लर्निंग प्रोसेस का एक अहम हिस्सा है. उन्हें एनकरेज करें लेकिन फालतू का प्रेशर न बनाएं. उन्हें टेक इफेक्टिव स्टडी टेक्नीक्स और टाइम मैनेजमेंट स्किल्स के बारे में बताएं.</p>
<p>इससे उनका कॉन्फिडेंस बढ़ेगा. एग्जाम के समय घर का माहौल शांत और सपोर्टिव रखें. इस बीच स्वास्थ्य का ध्यान रखना भी जरूरी है इसलिए उसकी डाइट का पूरा ध्यान रखें, अक्सर बच्चे स्ट्रेस के चलते खाना पीना छोड़ देते हैं. रोजाना पूरी नींद लेने के लिए कहें, कोशिश करें कि बच्चे पर्याप्त मात्रा में पानी पीते रहें.</p>
<p><strong>यह भी पढ़ें: <a title="अगले पांच सालों में इन सेक्टरों में आएंगी 17 करोड़ नौकरियां, जानिए कौन सी होंगी वो नौकरी" href="https://www.abplive.com/education/world-economic-forum-released-a-future-of-jobs-report-2025-know-which-sector-is-going-to-boom-2859474" target="_blank" rel="noopener">अगले पांच सालों में इन सेक्टरों में आएंगी 17 करोड़ नौकरियां, जानिए कौन सी होंगी वो नौकरी</a></strong></p>
Source link
कहीं बोर्ड एग्जाम के स्ट्रेस से तो नहीं जूझ रहा आपका बच्चा, आज ही फॉलो करें ये काम के टिप्स
