‘किसी की बात नहीं मान रहा इजरायल, फिलिस्तीन के साथ हो रहा गलत’, कुवैत में बदल गए निशिकांत दुबे

‘किसी की बात नहीं मान रहा इजरायल, फिलिस्तीन के साथ हो रहा गलत’, कुवैत में बदल गए निशिकांत दुबे


Nishikant Dubey On Palestine: आतंकवाद के खिलाफ भारत के रुख को दुनिया के सामने रखते हुए बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे ने कुवैत में पाकिस्तान पर जमकर निशाना साधा. उन्होंने कहा कि अगर पाकिस्तान का आतंकवाद जारी रहा तो उसे कुचल दिया जाएगा और उसी के अनुसार समाप्त कर दिया जाएगा. इस दौरान उन्होंने इजरायल और फिलिस्तीन को लेकर ऐसा बयान दिया है जो चर्चा का विषय बन गया है.

भारत फिलिस्तीन के लोगों को खाना भेज रहा

न्यूज एजेंसी एएनआई से बात करते हुए बीजेपी नेता सांसद निशिकांत दुबे ने बताया कि उन्होंने कुवैत में बैठक के दौरान कौन-कौन सी बातें सामने रखी. उन्होंने कहा, “आतंकवाद के कारण आज पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था पूरी तरह से खत्म हो चुकी है. सबसे बड़ी बात थी कि पूरी दुनिया में जैसे फिलिस्तीन के ऊपर कोई गलत हो रहा है तो हमने कहा है कि 1974 में पीएलओ को हम पहले देश थे जिन्होंने मान्यता दी. 1988 में हम पहले देश थे, जिसने फिलिस्तीन को एक देश के रूप में मान्यता दी थी. आज भी फिलिस्तीन के लोगों को खाना भेज रहे हैं.”

‘किसी की बात नहीं मान रहा इजरायल’

निशिकांत दुबे ने कहा, “कोविड में हमने कोवित को इंजेक्शन दिया तो फिलिस्तीन को भी इंजेक्शन दिया. इजरायल एक ऐसा राष्ट्र है, जो किसी की बात नहीं मान रहा है. हम टू नेशन थ्योरी की बात मानते हैं. इजरायल और फिलिस्तीन दोनों अलग-अलग देश है. कहीं भी हिंसा हो भारत उसके खिलाफ है. हमने जब ये बातें कही तो यहां के लोगों ने उनकी स्पष्टता को समझा और भारत सरकार में पीएम मोदी की स्थिति को समझा.”

पाकिस्तान में अल्पसंख्यकों की स्थिति खराब

पाकिस्तान पर निशाना साधते हुए बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे ने कहा, “हमारे देश में अल्पसंख्यकों की स्थिति को लेकर पाकिस्तान की ओर से प्रचार किया जा रहा है.ब भारत को आजादी मिली थी, तब अल्पसंख्यकों खासकर मुसलमानों की आबादी 8-9 फीसदी थी. आज भारत में मुसलमान का आबादी लगभग 17-18 फीसदी है. आजादी के समय पाकिस्तान में अल्पसंख्यकों की आबादी 13-14 फीसदी थी और आज यह मुश्किल से 1 फीसदी है. जहां तक ​​अर्थव्यवस्था का सवाल है, पाकिस्तान और हम दोनों ने 1947 में एक ही बिंदु से शुरुआत की थी. आज हम दुनिया की चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था हैं और वे हमसे 11 गुना पीछे हैं.”





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