Freedom Of Speech: कॉमेडियन कुणाल कामरा अपने विवादित जोक की वजह से चर्चा में हैं. हाल ही में मुंबई के हैबिटेट क्लब में तोड़फोड़ की गई जिस पर उन्होंने अपनी प्रतिक्रिया दी. कामरा ने इंस्टाग्राम पर एक बयान जारी करते हुए घटना की निंदा की और कहा कि मनोरंजन स्थल केवल एक मंच है, जो सभी प्रकार के शो के लिए एक जगह प्रदान करता है. उन्होंने स्पष्ट किया कि हैबिटेट या कोई अन्य स्थल उनकी कॉमेडी के लिए जिम्मेदार नहीं है और न ही उनके कंटेंट पर कोई कंट्रोल रखता है.
अपने पोस्ट में कामरा ने विरोध करने के इस तरीके की आलोचना करते हुए एक व्यंग्यात्मक उदाहरण दिया. उन्होंने कहा कि किसी कॉमेडियन के शब्दों से नाराज होकर आयोजन स्थल पर हमला करना उतना ही हास्यास्पद है जितना कि टमाटर ले जा रहे ट्रक को पलट देना क्योंकि किसी को परोसा गया बटर चिकन पसंद नहीं आया. उन्होंने अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का समर्थन करते हुए कहा कि इसे सिर्फ शक्तिशाली और अमीर लोगों की चापलूसी के लिए इस्तेमाल नहीं किया जाना चाहिए.
कामरा ने पुलिस, अदालत और प्रशासन की भूमिका पर उठाए सवाल
कामरा ने स्पष्ट किया कि वह किसी भी कानूनी कार्रवाई में पुलिस और अदालतों के साथ सहयोग करने को तैयार हैं. हालांकि उन्होंने सवाल उठाया कि क्या कानून उन लोगों पर भी समान रूप से लागू होगा जिन्होंने मजाक से आहत होकर तोड़फोड़ की? उन्होंने बीएमसी अधिकारियों पर भी निशाना साधा जो बिना किसी पूर्व सूचना के स्थल पर पहुंचे और हथौड़ों से नुकसान पहुंचाया.
कामरा ने माफी मांगने से किया इनकार
कामरा ने अपने पोस्ट में स्पष्ट कर दिया कि वह किसी भी कीमत पर माफी नहीं मांगेंगे. उन्होंने लिखा कि जो कुछ उन्होंने कहा वह महाराष्ट्र के डिप्टी सीएम अजित पवार की ओर से एकनाथ शिंदे पर की गई टिप्पणी के समान ही था. उन्होंने कहा कि वह इस भीड़ से डरते नहीं हैं और न ही इस घटना के शांत होने तक छिपकर बैठेंगे. उन्होंने ये भी व्यंग्य किया कि जो लोग उनका नंबर लीक कर रहे हैं और कॉल कर रहे हैं उन्हें सिर्फ वॉयसमेल पर एक अप्रिय गाना सुनने को मिलेगा.