किसी ने गिरवी रखे गहने तो किसी ने बेची जमीन! अमेरिका से निर्वासित हुए भारतीयों की कहानी आंखों म

किसी ने गिरवी रखे गहने तो किसी ने बेची जमीन! अमेरिका से निर्वासित हुए भारतीयों की कहानी आंखों म


US Deported Indians: अमेरिका से निर्वासित हुए अवैध अप्रवासियों का दूसरा जत्था शनिवार (15 फरवरी, 2025) रात अमृतसर पहुंचा. ये सभी लोग बेहतर भविष्य की उम्मीद और अमेरिका में बसने की ख्वाहिशों के साथ अपने घर को छोड़ कर गए थे. 

अमेरिका भेजने के लिए इन लोगों के परिवार वालों ने अपनी जमीन बेची थी और कर्ज तक लिया था, लेकिन इसके बाद भी उनका ये सपना पूरा नहीं हो सका. भारत वापस आने के बाद इन लोगों के सामने अपने भविष्य को लेकर कई तरह के सवाल खड़े हो रहे हैं. इन लोगों ने अमेरिका पहुंचने के अपने कठिन सफर के बारे में भी बताया है. 

27 जनवरी को किया गया था गिरफ्तार

20 वर्षीय सौरव 27 जनवरी को सीमा पार करने की कोशिश में पकड़ लिया गया था. इसके बाद उसे अब भारत वापस भेज दिया गया है. वह पिछले साल 17 दिसंबर को अमेरिका के लिए घर से निकला था. हिंदुस्तान टाइम्स ने अपनी रिपोर्ट में बताया,  सौरव ने कहा, “हमें 18 दिनों तक एक शिविर (हिरासत केंद्र) में रखा गया था. हमारे मोबाइल फोन छीन लिए गए थे. परसों हमें बताया गया कि हमें दूसरे कैंप में ले जाया जाएगा. जब हमें विमान में बिठाया गया तो उन्होंने कहा कि हमें भारत ले जाया जा रहा है.” 

सौरव ने आगे बताया कि उन्हें अमेरिका भेजने के लिए उनके परिवार वालों ने दो एकड़ खेत बेच दिए थे और भारी कर्ज लिया था. उन्होंने कहा, “हमने 45-46 लाख रुपये खर्च किए .”

‘हमारे हाथ-पैरों में हथकड़ी और जंजीरें डाल दी गईं’

पंजाब के गुरदासपुर जिले के खानोवाल घुमन गांव के हरजीत सिंह अपने चचेरे भाई के साथ बेहतर जिंदगी की तलाश में निकले थे. लेकिन इसके बावजूद उन्हें मजबूरन घर लौटना पड़ा. सुबह 6 बजे घर पहुंचने के बाद उन्होंने बताया, “हमें 27 जनवरी को अमेरिकी सीमा पार करते हुए पकड़ा गया और 18 दिनों तक हिरासत केंद्र में रखा गया. हमें 13 फरवरी को निर्वासित कर दिया गया, हमारे हाथ-पैरों में हथकड़ी और जंजीरें डाल दी गईं.”

उनके परिवार ने उन्हें विदेश भेजने के लिए 90 लाख रुपये खर्च किए थे. हरजीत सिंह ने निराशा से भरी आवाज़ में कहा, “हमें भरोसा दिलाया गया था कि हमें कानूनी तरीके से अमेरिका ले जाया जाएगा, लेकिन ऐसा नहीं हुआ.” 

‘दे दी जीवन भर की बचत’

कपूरथला जिले के बहबल बहादुर गांव में साहिल प्रीत सिंह के माता-पिता ने अपने जीवन की बचत 40-45 लाख रुपये अपने बेटे को विदेश भेजने के लिए खर्च कर दिए थे. उनकी मां हरविंदर कौर ने बताया कि उन्होंने कृषि भूमि बेच दी, सोने के आभूषण गिरवी रख दिए और रिश्तेदारों से उधार लिया, लेकिन एक ट्रैवल एजेंट ने उन्हें धोखा दिया. उन्होंने कहा, “हमारे साथ धोखा हुआ है.” उन्होंने मांग की कि पंजाब सरकार उनके बेटे को नौकरी मुहैया कराए और उनके सपनों को बर्बाद करने वाले धोखेबाज एजेंट के खिलाफ कार्रवाई करे.

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