<p style="text-align: justify;">विदेश मंत्रालय (MEA) ने शुक्रवार (20 दिसंबर,2024) को बांग्लादेश की अंतरिम सरकार से कड़ा विरोध दर्ज कराया. बांग्लादेश की सरकार के प्रमुख सहयोगी महफूज आलम की ओर से की गई विवादित पोस्ट पर भारत ने चेतावनी जारी की. भारत ने इन बयानों को गैर-जिम्मेदाराना और गंभीर मानते हुए ढाका को अपना रूख साफ किया है.</p>
<p style="text-align: justify;">रणधीर जायसवाल ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा "हमने इस मुद्दे पर बांग्लादेश पक्ष के समक्ष अपना कड़ा विरोध दर्ज कराया है. हम समझते हैं कि जिस पोस्ट का जिक्र किया जा रहा है उसे कथित तौर पर हटा दिया गया है. हम सभी संबंधित पक्षों को अपनी सार्वजनिक टिप्पणियों के प्रति सचेत रहने की याद दिलाना चाहेंगे. जबकि भारत ने बार-बार बांग्लादेश के लोगों और अंतरिम सरकार के साथ संबंधों को बढ़ावा देने की कोशिश की है,लेकिन ऐसी टिप्पणियां दोनों देशों के संबंधों को प्रभावित कर सकती हैं,"</p>
<p style="text-align: justify;"><strong>महफूज आलम का बयान और विवाद</strong></p>
<p style="text-align: justify;">पीटीआई की रिपोर्ट के अनुसार, महफूज आलम ने एक फेसबुक पोस्ट में भारत से आग्रह किया था कि वह बांग्लादेश के उस विद्रोह को मान्यता दे, जिसने प्रधानमंत्री शेख हसीना को इस्तीफा देने पर मजबूर किया. इस पोस्ट में आलम ने हसीना की सरकार के पतन को लेकर भारत पर टिप्पणी की, जिसे बाद में हटा दिया गया.</p>
<p style="text-align: justify;"><strong>बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों की सुरक्षा पर भारत की चिंता</strong><br />विदेश मामलों के राज्य मंत्री कीर्ति वर्धन सिंह ने राज्यसभा में बांग्लादेश में हिंदुओं और अन्य अल्पसंख्यक समुदायों की सुरक्षा सुनिश्चित करने की आवश्यकता पर जोर दिया.उन्होंने कहा कि अल्पसंख्यक समुदायों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के बारे में भारत की चिंताओं को बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के अधिकारियों को विभिन्न अवसरों पर, उच्चतम स्तर पर भी, बता दिया गया है और दोहराया गया है.</p>
<p style="text-align: justify;"><strong>शेख हसीना का इस्तीफा</strong><br />अगस्त 2024 में बांग्लादेश की राजनीति में बड़ा मोड़ आया, जब प्रधानमंत्री शेख हसीना को बढ़ते विरोध प्रदर्शनों और राजधानी ढाका में बिगड़ते सुरक्षा हालात के कारण इस्तीफा देना पड़ा. बांग्लादेश में सरकारी नौकरियों में आरक्षण के खिलाफ बड़े पैमाने पर हिंसक विरोध प्रदर्शन हुए.जिससे कानून-व्यवस्था की स्थिति बिगड़ गई. विरोध प्रदर्शनों ने राजधानी ढाका में शेख हसीना की सुरक्षा को खतरे में डाल दिया. स्थिति इतनी गंभीर हो गई कि अगस्त 2024 में हसीना को एक सैन्य विमान के जरिए देश छोड़ना पड़ा.</p>
<p style="text-align: justify;"><strong>ये एक ब्रेकिंग खबर है. इसे लगातार अपडेट किया जा रहा है.</strong></p>
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‘कुछ भी बोलने से पहले सोच लें’, महफूज आलम के बयान पर भारत की बांग्लादेश को फटकार
