MK Stalin on NEP: तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम. के. स्टालिन ने शनिवार (22 फरवरी, 2025) को कुड्डालोर में राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP) को लेकर केंद्र सरकार पर निशाना साधा. स्टालिन ने कहा, ‘अगर केंद्र उनके राज्य को 10,000 करोड़ रुपये देने की पेशकश करे तो भी वो इसे लागू करने के लिए सहमत नहीं होंगे.’
मुख्यमंत्री स्टालिन ने दावा किया कि (NEP) का विरोध केवल हिंदी थोपने के प्रयास के कारण नहीं है, बल्कि कई अन्य कारकों के कारण भी हैं. जिनसे छात्रों के भविष्य और सामाजिक न्याय प्रणाली के लिहाज से गंभीर परिणाम होंगे.
‘हम किसी भी भाषा के विरोधी नहीं हैं’
स्टालिन ने अभिभावक-शिक्षक संघ द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा, ‘छात्रों को पढ़ाई छोड़ने की अनुमति देना उन्हें पढ़ाई न करने के लिए कहने के समान है.’ स्टालिन ने दावा किया कि, ‘हम किसी भी भाषा के विरोधी नहीं हैं, लेकिन इसे थोपे जाने का विरोध करने के प्रति दृढ़ रहेंगे. हम केवल हिंदी थोपने के प्रयास के लिए एनईपी का विरोध नहीं कर रहे हैं, बल्कि कई अन्य कारणों से भी इसका विरोध कर रहे हैं. एनईपी प्रतिगामी है. ये छात्रों को स्कूलों से दूर कर देगी.’
‘10,000 करोड़ मिलें तब भी लागू नहीं करेंगे’
मुख्यमंत्री ने कहा, ‘अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति (एससी/एसटी) और अन्य पिछड़ा वर्ग के छात्रों को वित्तीय सहायता देने से इनकार करने के अलावा (जो अभी प्रदान की जा रही है) एनईपी ने तीसरी, पांचवीं और आठवीं कक्षाओं के लिए सार्वजनिक परीक्षा का प्रस्ताव दिया है.’ उन्होंने कहा, ‘इसके तहत कला और विज्ञान कॉलेजों में प्रवेश के लिए एक सामान्य प्रवेश परीक्षा की शुरुआत की गई है.’
स्टालिन ने कहा,‘केंद्र का कहना है कि अगर तमिलनाडु (NEP) को लागू करता है तो उसे 2,000 करोड़ रुपये मिलेंगे. मैं कहना चाहता हूं कि अगर केंद्र 10,000 करोड़ रुपये की पेशकश भी करता है तो भी हम (NEP) पर सहमत नहीं होंगे. मैं (NEP) को मंजूरी देने और तमिलनाडु को 2,000 साल पीछे धकेलने का पाप नहीं करूंगा.’
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