केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने शनिवार (12 जुलाई, 2025) को सत्तारूढ़ मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) नीत वाम लोकतांत्रिक मोर्चा (एलडीएफ) और विपक्षी कांग्रेस नीत संयुक्त लोकतांत्रिक मोर्चा (यूडीएफ), दोनों पर ही निशाना साधते हुए आरोप लगाया कि दोनों मोर्चों की सरकारों ने केवल भ्रष्टाचार को बढ़ावा दिया, तुष्टीकरण की राजनीति की और केरल को ‘पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया’ (पीएफआई) जैसी ‘राष्ट्र-विरोधी ताकतों’ के लिए पनाहगाह बना दिया.
शाह ने यहां पार्टी कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए कहा कि केवल भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) नीत राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) ही राज्य में विकास ला सकता है, न कि एलडीएफ या यूडीएफ. दक्षिणी राज्यों के विकास के बिना ‘विकसित भारत’ संभव नहीं है और ‘विकसित भारत’ का मार्ग केवल ‘विकसित केरलम’ से होकर जाता है.
भाजपा ही कर सकती है केरल का विकास
शाह ने कहा, ‘इसलिए, अब से भाजपा का मूल उद्देश्य ‘विकसित केरलम’ होगा. भाजपा के बिना केरल में विकास नहीं हो सकता.’ केंद्रीय मंत्री ने अपने दावे के समर्थन में कहा कि मोदी सरकार ने राज्य को हजारों करोड़ रुपये की विड़िण्गम बंदरगाह जैसी परियोजनाएं समर्पित की हैं, दो वंदे भारत ट्रेनों के जरिए 11 जिलों को जोड़ा है और केरल के लिए रेलवे बजट को साल 2004 के 372 करोड़ रुपये से बढ़ाकर वर्तमान में 3,700 करोड़ रुपये कर दिया है.
उन्होंने दावा किया कि मोदी सरकार ने पिछली कांग्रेस सरकारों की तुलना में केरल पर कई गुना ज्यादा पैसा खर्च किया है. पार्टी के प्रदेश कार्यालय के जरिए इसके विस्तृत आंकड़े जारी करेंगे. भाजपा के लिए केरल में मुख्यमंत्री होने से ज्यादा जरूरी यह सुनिश्चित करना है कि राज्य में पार्टी कार्यालय ‘विकसित केरलम’ का केंद्र बने. शाह ने पार्टी के ‘विकसित केरलम’ मिशन का ‘लोगो’ भी जारी किया.
विपक्ष पर भी साधा निशाना
उन्होंने माकपा नीत एलडीएफ और कांग्रेस नीत यूडीएफ पर निशाना साधते हुए आरोप लगाया कि दोनों गठबंधन की सरकारों ने केवल भ्रष्टाचार को बढ़ावा दिया, तुष्टीकरण की राजनीति की और केरल को पीएफआई जैसी ‘राष्ट्र-विरोधी ताकतों’ के लिए एक सुरक्षित पनाहगाह बना दिया.
शाह ने कहा कि केंद्र सरकार ने 2022 में पीएफआई और उसके सहयोगियों को गैरकानूनी घोषित कर दिया. केरल सरकार के पास पीएफआई पर प्रतिबंध लगाने के सभी अधिकार हैं. उन्होंने सवाल किया कि केरल सरकार ने ऐसा क्यों नहीं किया.
PM मोदी ने संगठनों को बढ़ने से रोका
केंद्रीय गृह मंत्री ने कहा, ‘जब यह संगठन देश के विभिन्न हिस्सों में फैल गया, तब प्रधानमंत्री मोदी ने ही इस पर प्रतिबंध लगाने का फैसला लिया और यह सुनिश्चित किया कि इसके शीर्ष नेताओं की गिरफ्तारी हो.’ शाह ने यहां पुथरीकंदम मैदान में आयोजित वार्ड स्तरीय नेतृत्व बैठक में पार्टी कार्यकर्ताओं और समर्थकों की एक विशाल सभा को संबोधित करते हुए यह बात कही.
उन्होंने कहा, ‘माकपा और कांग्रेस, भाजपा को उत्तर भारतीय पार्टी करार देती है, लेकिन हमने असम और त्रिपुरा जैसे कई राज्यों में सरकारें बनाईं, जो विपक्षी दलों के गढ़ थे और इसी तरह उनकी पार्टी तमिलनाडु में भी सत्ता में आएगी.’
केरल के आगामी चुनाव की अभी से तैयारी शुरू
शाह ने कहा कि केरल में भाजपा के नेतृत्व वाले राजग का मत प्रतिशत 2014 से बढ़ा है और गठबंधन राज्य में 2026 का विधानसभा चुनाव सरकार बनाने के इरादे से लड़ेगा. उन्होंने बैठक में उपस्थित पार्टी कार्यकर्ताओं से आग्रह किया कि वे यह सुनिश्चित करें कि केरल में आगामी स्थानीय निकाय चुनावों में भाजपा के नेतृत्व वाले राजग को 25 प्रतिशत से अधिक वोट मिले.
केंद्रीय मंत्री ने कहा, ‘अगर आप सच में बदलाव चाहते हैं तो भाजपा के नेतृत्व वाले राजग को वोट दें. केवल वही ‘विकसित केरलम’ का निर्माण कर सकता है. भाजपा और माकपा दोनों ही कैडर-आधारित पार्टियां हैं, लेकिन उनके बीच एक बड़ा अंतर यह है कि उनकी पार्टी राज्य के विकास के लिए काम करती है, न कि अपने कैडर के लिए.’
सभी घोटालों की शाह ने दिलाई याद
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि एलडीएफ सरकार के दौरान सहकारी बैंक घोटाला, एआई कैमरा घोटाला, लाइफ मिशन घोटाला, के-एफओएन घोटाला, पीपीई-किट योजना जैसे कई वित्तीय घोटाले हुए. उन्होंने आरोप लगाया कि इतना ही नहीं, विजयन (मुख्यमंत्री पिनराई) को परेशान करने वाला राज्य प्रायोजित सोने की तस्करी का घोटाला भी हुआ, जो भारत का सबसे बड़ा घोटाला है.
शाह ने कहा कि यूडीएफ भी कम नहीं है, क्योंकि उसके शासन के दौरान भी सौर और पलारीवट्टम जैसे कई घोटाले हुए, लेकिन मोदी सरकार के 11 साल के शासन में ऐसा कोई वित्तीय घोटाला नहीं हुआ. शाह ने इस साल होने वाले स्थानीय निकाय चुनावों और अगले साल होने वाले विधानसभा चुनावों के लिए पार्टी के अभियान की शुरुआत करने से पहले यहां भाजपा की प्रदेश कमेटी के नए कार्यालय ‘मरारजी भवन’ का उद्घाटन किया.
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