कौन हैं कनाडा की कैबिनेट में शामिल होने वाली भारतीय मूल की अनीता आनंद और कमल खेड़ा

कौन हैं कनाडा की कैबिनेट में शामिल होने वाली भारतीय मूल की अनीता आनंद और कमल खेड़ा


Who Is Kamal Khera and Anita Anand:  कनाडा के नए प्रधानमंत्री मार्ग करनी के मंत्रिमंडल में भारतीय मूल की दो महिलाओं को मंत्री बनाया गया है, जिनमें से एक का नाम अनीता आनंद है और एक का नाम कमल खेड़ा. दिल्ली में जन्मी कमल खेड़ा कनाडा की संसद में चुनी गई सबसे कम उम्र की महिलाओं में से एक हैं. कौन हैं अनीता आनंद और कमल खेड़ा, आइए जानते हैं. 

लिबरल पार्टी की पूर्व केंद्रीय बैंकर मार्क कार्नी ने शुक्रवार (14 मार्च, 2025) को गवर्नर जनरल मैरी साइमन की अध्यक्षता में 30वें कनाडाई मंत्रालय के सदस्यों के साथ शपथ ली, जिसमें 58 वर्षीय अनीता आनंद नवाचार, विज्ञान और उद्योग मंत्री हैं, जबकि 36 वर्षीय कमल खेड़ा स्वास्थ्य मंत्री हैं. दोनों ही पूर्व प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो की कैबिनेट में रह चुकी हैं और मार्क कार्नी की कैबिनेट में भी बरकरार हैं. 

कौन हैं कमल खेड़ा?

दिल्ली में जन्मी कमल खेड़ा का परिवार उस समय कनाडा चला गया था, जब वह स्कूल में पढ़ाई करती थीं. बाद में उन्होंने टोरंटो के यॉर्क यूनिवर्सिटी से साइंस विषय में ग्रेजुएशन की डिग्री हासिल की. कनाडा के प्रधानमंत्री की वेबसाइट के मुताबिक, कमल खेड़ा पहली बार 2015 में ब्रैम्पटन वेस्ट से संसद सदस्य के रूप में चुनी गई थी. कमल खेड़ा संसद में चुनी गई सबसे कम उम्र की महिलाओं में से एक हैं. वह पेशे से एक नर्स, सोशल वर्कर और एक राजनीतिक कार्यकर्ता हैं, जो अपने आस-पास के लोगों के जीवन को बेहतर बनाने में लगी रहती हैं. इससे पहले कमल खेड़ा ने रिष्ठ नागरिकों के मंत्री, अंतरराष्ट्रीय विकास मंत्री के संसदीय सचिव, राष्ट्रीय राजस्व मंत्री के संसदीय सचिव और स्वास्थ्य मंत्री के संसदीय सचिव के रूप में कार्य किया है.

मंत्री बनने के बाद क्या बोलीं कमल केड़ा?

मंत्री बनने के बाद कमल खेड़ा ने एक्स पर कहा, “एक नर्स के रूप में, मेरी प्राथमिकता हमेशा अपने रोगियों के लिए मौजूद रहना है और यही मानसिकता मैं स्वास्थ्य मंत्री की भूमिका में हर दिन लाऊंगी. पीएम मार्क कार्नी के विश्वास के लिए बेहद आभारी हूं. अब, अपनी आस्तीन ऊपर चढ़ाने और काम पर लगने का समय आ गया है.”

पीएम पद की रेस में सबसे आगे थीं अनीता आनंद

मार्क कार्नी की कैबिनेट में अनीता आनंद भी हैं, जो ट्रूडो के बाद पीएम बनने की दौड़ में सबसे आगे चल रही थीं, लेकिन जनवरी में उन्होंने घोषणा की थी कि वह दौड़ से हट रही हैं और कहा था कि वह फिर से चुनाव लड़ेंगी. ग्रामीण नोवा स्कोटिया में जन्मी और पली-बढ़ी अनीता आनंद 1985 में ओंटारियो चली गईं थीं.

‘कनाडाई अर्थव्यवस्था के निर्माण के लिए तुरंत काम पर लगेंगे’

“मुझे मार्क कार्नी की सरकार में नवाचार, विज्ञान और आर्थिक विकास मंत्री के रूप में शपथ लेने का सम्मान मिला है. हम जानते हैं कि नेगेटिविटी से ने तो किराया दिया जा सकता है और न ही कर्ज चुकाया जा सकता है. नकारात्मकता से किराने का सामान की कीमतें कम नहीं होंगी. नकारात्मकता से व्यापार युद्ध नहीं जीता जा सकता. हम एकजुट और मजबूत हैं और हम कल के कनाडा और कनाडाई अर्थव्यवस्था के निर्माण के लिए तुरंत काम पर लग जाएंगे.” 

2019 में ऑकविले से संसद चुनी गई थीं

कनाडा के प्रधानमंत्री की वेबसाइट के मुताबिक, अनीता आनंद पहली बार 2019 में ऑकविले से संसद चुनी गई थीं और इससे पहले उन्होंने ट्रेजरी बोर्ड के अध्यक्ष, राष्ट्रीय रक्षा मंत्री, सार्वजनिक सेवा और खरीद मंत्री के रूप में कार्य किया था. वह पेशे से एक वकील और शोधकर्ता हैं. टोरंटो यूनिवर्सिटी में वह लॉ की प्रोफेसर भी रही हैं. 

मार्क कार्नी की कैबिनेट में 13 पुरुष और 11 महिलाएं शामिल हैं. हालांकि, ट्रूडो की 37 सदस्यीय कैबिनेट से ये छोटी है. 

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