Delhi CM Oath Ceremony: दिल्ली भाजपा के प्रमुख चेहरे कपिल मिश्रा का जन्म 13 नवंबर 1980 को दिल्ली में हुआ था. उनका राजनीतिक सफर घर से ही शुरू हुआ, क्योंकि उनकी मां अन्नपूर्णा मिश्रा पूर्वी दिल्ली की मेयर रह चुकी हैं और भाजपा से जुड़ी रही हैं. कपिल ने दिल्ली विश्वविद्यालय के अंबेडकर कॉलेज से बीए किया और फिर सोशल वर्क में एमए की पढ़ाई की. पढ़ाई के दौरान ही वे सामाजिक आंदोलनों से जुड़े और ‘यूथ ऑफ जस्टिस’ संगठन के को-फाउंडर बने.
कपिल मिश्रा ने हमेशा सामाजिक समस्याओं को लेकर मुखरता दिखाई है. कॉमनवेल्थ खेलों में भ्रष्टाचार के खिलाफ आवाज उठाने वाले शुरुआती लोगों में वे शामिल रहे. उन्होंने इस पर ‘इट्ज कॉमन वर्सेज वेल्थ’ नामक एक किताब भी लिखी. इसके अलावा जेसिका लाल मर्डर केस, किसानों की आत्महत्याओं और यमुना में अतिक्रमण जैसे मुद्दों पर भी वे कई विरोध प्रदर्शन कर चुके हैं.
आम आदमी पार्टी से सियासी सफर की शुरुआत
कपिल मिश्रा ने अपने राजनीतिक करियर की शुरुआत आम आदमी पार्टी (AAP) से की और 2015 में करावल नगर से विधायक चुने गए. इसके बाद वे दिल्ली सरकार में जल संसाधन मंत्री भी बने. हालांकि पार्टी नेतृत्व पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाने के बाद उन्हें AAP से निलंबित कर दिया गया, जिससे उनका आम आदमी पार्टी से रिश्ता खत्म हो गया.
कपिल मिश्रा 2023 में बने दिल्ली भाजपा के उपाध्यक्ष
2019 में कपिल मिश्रा ने भाजपा का दामन थाम लिया और पार्टी के अभियानों में सक्रियता से भाग लेना शुरू किया. उनकी मेहनत और बेबाक छवि को देखते हुए 2023 में उन्हें दिल्ली भाजपा का उपाध्यक्ष नियुक्त किया गया. भाजपा में शामिल होने के बाद वे दिल्ली की राजनीति में और मजबूत होते चले गए.
राजनीतिक मुद्दों पर खुलकर बोलते हैं कपिल मिश्रा
कपिल मिश्रा अपने तीखे बयानों और सोशल मीडिया पर सक्रियता के लिए भी जाने जाते हैं. दिल्ली विधानसभा चुनाव के दौरान उनके एक सोशल मीडिया पोस्ट ने काफी सुर्खियां बटोरी थीं, जिसमें उन्होंने लिखा था कि 8 फरवरी को दिल्ली की सड़कों पर “हिंदुस्तान और पाकिस्तान का मुकाबला” होगा. उनके इस बयान पर राजनीतिक हलकों में काफी चर्चा हुई थी.