कोलकाता में ‘रशियन चायवाली’ एक बार फिर से चर्चा में है. उन्हें मोरल पुलिसिंग और लैंगिक भेदभाव के कारण कोलकाता के अंदुल में अपनी चाय की दुकान बंद करने के लिए मजबूर होना पड़ा है. इस घटना के बाद वो सदमे हैं. अपना बिजनेस चलाने के लिए उन्होंने अपनी नौकारी भी छोड़ दी थी. उनका असली नाम पापिया घोषाल है.

पापिया घोषाल ने बताया कि उनके गांव में एक फतवा वाला पोस्टर लगाया गया था, जिसमें उसे दुकान बंद करने को कहा गया था. स्थानीय क्लब के सदस्यों ने आरोप लगाया कि वह गांव का माहौल खराब कर रही हैं. इसके अलावा उनकी इंस्टाग्राम प्रोफाइल पर जो भद्दी तस्वीरें हैं, वो असामाजिक लोगों का ध्यान खींच रही हैं.

इंडिया टुडे से खास बातचीत में उन्होंने कहा, “मुझे नहीं पता कि वे लोग कौन थे. कुछ लोग वहां आए और एक नोटिस चिपका दिया, जिसमें मुझे अपना स्टोर दोबारा न खोलने का आदेश दिया गया. यह बहुत परेशान करने वाला था. वे एक तरह के असामाजिक लोग हैं. यह अल्पसंख्यक बहुल इलाका है, लेकिन मुझे लगता है कि हिंदू या मुस्लिम कोई मायने नहीं रखता – यह सब मानसिकता की बात है.

स्थानीय क्लबों ने पैसे मांगे और मैंने उन्हें पैसे देने का वादा किया, लेकिन फिर भी किसी ने मेरी मदद नहीं की. स्थानीय प्रशासन ने भी मेरी मदद नहीं की. मैं अपना स्टोर फिर से खोलना चाहती हूं. मेरी सुंदरता या मेरे पहनावे से किसी का चरित्र निर्धारित नहीं होना चाहिए.”

क्लब के सदस्यों ने यह भी दावा किया कि घोषाल खुद दुकान नहीं चला रही थीं, बल्कि उन्हें दूसरों से मदद मिल रही थी.

घोषाल ने सभी आरोपों से इनकार किया है और डोमजूर पुलिस स्टेशन में शिकायत दर्ज कराई है. हालांकि, पुलिस ने कहा है कि वे सीधे हस्तक्षेप नहीं कर सकते क्योंकि दुकान राष्ट्रीय राजमार्ग के किनारे सरकारी जमीन पर बनी है.

इंडिया टुडे ने इलाके की स्थानीय विधायक से संपर्क करने की कोशिश की तो संकरैल विधायक प्रिया पॉल ने कहा, “मुझे स्थिति की जानकारी नहीं थी. मैं मामले की जांच करने और लड़की की मदद करने की कोशिश करूंगी.”
Published at : 24 Dec 2024 08:05 AM (IST)
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