Donald Trump Asim Munir Lunch: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने पाकिस्तान के फील्ड मार्शल आसिम मुनीर को व्हाइट हाउस में लंच क्यों दिया, इसे लेकर पूरी दुनिया उत्सुक है. हर घटना को एक इवेंट मैनेजमेंट में तब्दील करने वाले ट्रंप ने आखिर मुनीर के साथ लंच के दौरान प्रेस को बुलाना तो दूर एक तस्वीर जारी नहीं की. आखिर ऐसा क्यों? ये सवाल भी हर किसी के जेहन में कौंध रहा है, लेकिन उससे पहले जान लेते हैं कि आखिर डोनाल्ड ट्रंप के मंसूबों पर पानी कैसे फेर दिया.
पीएम मोदी ने ट्रंप के आग्रह को टाला
ट्रंप के आग्रह पर पीएम मोदी ने बुधवार (18 जून 2025) को 35 मिनट तक एक-दूसरे से बात की थी. पीएम मोदी से बातचीत के दौरान डोनाल्ड ट्रंप ने पीएम मोदी को अमेरिका आने का न्योता दिया था. ट्रंप ने पीएम मोदी से कहा था कि क्या वो कनाडा से लौटते वक्त अमेरिका आ सकते हैं, लेकिन पीएम मोदी ने अपने व्यस्त कार्यक्रम के चलते ट्रंप के आग्रह को टाल दिया.
क्या आसिम मुनीर से आमना-सामना करवाना चाहते थे ट्रंप?
ट्रंप ने पीएम मोदी को ऐसे समय में व्हाइट हाउस आने का न्योता दिया, जब पाकिस्तान में आतंकियों का रहनुमा आसिम मुनीर खुद वाशिंगटन में मौजूद था. ऐसे में सवाल है कि क्या ट्रंप, पीएम मोदी को अमेरिका बुलाकर आसिम मुनीर से आमना-सामना करवाना चाहते थे. क्या ये दिखाना की कोशिश थी कि अमेरिका ने भारत और पाकिस्तान को एक मंच पर ला दिया है.
ट्रंप हर तरह से ये साबित करना चाहते हैं कि अमेरिकी राष्ट्रपति की मध्यस्थता के चलते ही भारत-पाकिस्तान के बीच सीजफायर हुआ है. जबकि पीएम मोदी ने खुद फोन पर बात करके ट्रंप को दो टूक कह दिया है कि भारत-पाकिस्तान के बीच कोई तीसरा नहीं है. सैन्य कार्रवाई रोकने की बात सीधे भारत और पाकिस्तान के बीच दोनों सेनाओं के माध्यम से हुई थी और पाकिस्तान के ही आग्रह पर हुई थी. भारत ने न तो कभी मध्यस्थता स्वीकार की थी, न करता है और न ही कभी करेगा.
क्या वाकई नोबेल शांति पुरस्कार पाने की चाहत में अमेरिकी राष्ट्रपति ने पीएम मोदी और मुनीर को तराजू में तोलने की कोशिश की थी. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की जी-7 सम्मेलन में संबोधन से भी ऐसा ही कुछ प्रतीत होता है. पीएम मोदी ने अमेरिका और दूसरे पश्चिमी देशों को फटकार लगाते हुए कहा कि आतंक फैलाने वाले देशों की तुलना आतंकवाद से पीड़ित देशों से नहीं की जा सकती है.
ट्रंप ने इसलिए किया मुनीर के साथ लंच किया
अमेरिकी राष्ट्रपति ने आसिम मुनीर से व्हाइट हाउस में मुलाकात की है. यह बैठक ऐसे समय में हुई जब पहलगाम आतंकी हमले में सीधे तौर पर पाकिस्तान का रोल सामने आया था. भारत ने ऑपरेशन सिंदूर के जरिए पाकिस्तान को जबरदस्त पटखनी दी. भारत-पाकिस्तान में सैन्य टकराव हो चुका है, लेकिन इन सबके बीच सीजफायर का क्रेडिट लेने वाले ट्रंप ने भारत के दुश्मन देश पाकिस्तान के आर्मी चीफ आसिम मुनीर के साथ लंच किया है. अमेरिका के इस दोगलेपन पर भारत के साथ-साथ पूरी दुनिया हैरान है.
अब अमेरिका ने मुनीर को लंच का न्योता देने का कारण बता दिया है. व्हाइट हाउस की प्रवक्ता अन्ना केली ने कहा है, “राष्ट्रपति ट्रंप ने जनरल मुनीर को इसलिए मिलने बुलाया क्योंकि मुनीर ने ट्रंप को भारत और पाकिस्तान के बीच संभावित परमाणु युद्ध रोकने के लिए ट्रंप को नोबेल शांति पुरस्कार देने की अपील की थी.”
मुझे पाकिस्तान से प्यार: डोनाल्ड ट्रंप
फील्ड मार्शल आसिम मुनीर के साथ लंच से पहले ट्रंप ने पाकिस्तान का गुणगान किया था. उस पाकिस्तान का, जिसने अमेरिका के नंबर 1 दुश्मन ओसामा बिन लादेन को बरसों तक पनाह दी थी. ओसामा बिन लादेन को पाकिस्तान ने अपने सैन्य ठिकाने के पास रखा था, ताकि जरूरत पड़े तो ओसामा की रक्षा के लिए पाकिस्तानी सेना अटैक कर सके.
अब ट्रंप को वही पाकिस्तान और आतंकवाद अच्छा लगने लगा क्योंकि मुनीर चाहता है कि ट्रंप को नोबेल शांति पुरस्कार दिया जाए. इसी छिपी चाहत के चलते ट्रंप ने अपना हाई लेवल स्तर घटाकर राष्ट्राध्यक्ष से नहीं, बल्कि एक आर्मी चीफ के साथ लंच किया. डोनाल्ड ट्रंप ने अपने ताजा बयान में कहा है कि उन्हें पाकिस्तान से प्यार है.
मोदी एक शानदार व्यक्ति, मैंने रुकवाया युद्ध: ट्रंप
ट्रंप ने पीएम मोदी को ‘एक शानदार व्यक्ति’ कहा है. ट्रंप ने कहा, “मेरा मानना है कि मोदी एक ‘शानदार व्यक्ति’ हैं. मैंने बीती रात उनसे बात की थी. दोनों देशों के बीच व्यापार समझौता होगा.” ट्रंप बोले, “पाकिस्तान की ओर से युद्ध रोकने में इस व्यक्ति का बहुत प्रभाव था. भारत की ओर से मोदी और अन्य लोग थे. उनके बीच टकराव की जबरदस्त स्थिति थी और वे दोनों ही परमाणु संपन्न देश हैं. मैंने उसे रुकवाया. मुझे नहीं लगता कि मैं कोई कहानी सुना रहा था. क्या मैंने कोई कहानी लिखी थी, मैंने दो बड़े देशों, बड़े परमाणु संपन्न देशों के बीच युद्ध को रुकवाया.”
पाकिस्तान को होना पड़ा मजबूर
भले ही ट्रंप कितना भी कहें कि उनके कारण भारत-पाकिस्तान का सीजफायर हुआ हो, उनका झूठ सच्चाई नहीं बदल सकता. भारत के प्रचंड प्रहार के बाद ही पाकिस्तान मजबूर हुआ और भारत के सामने गिड़गिड़ाया कि सीजफायर कर लो. भारत ने पाकिस्तान को एक मौका दिया है, लेकिन अगर भारत की अस्मिता पर आतंकियों ने फिर घात देने की कोशिश की तो भारत के ऑपरेशन सिंदूर को कोई रोक नहीं सकेगा.