अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने बुधवार (25 जून, 2025) को ईरान को लेकर बड़ा बयान दिया है. उन्होंने कहा कि हम फिलहाल ईरान पर हमला नहीं करेंगे, लेकिन अगर उसने फिर से परमाणु हथियारों पर काम करना शुरू किया तो हम फिर हमला करेंगे.
नीदरलैंड के हेग में आयोजित नाटो शिखर सम्मेलन के दौरान यह पूछे जाने पर कि अगर ईरान पुनर्निर्माण करता है तो क्या अमेरिका हमला करेगा, ट्रंप ने एक कहा कि जरूर. वहीं अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रुबियो ने कहा कि शनिवार को बी-2 बमवर्षकों के हमलों के बाद ईरानी परमाणु कार्यक्रम को मिटा दिया गया है.
ईरान के परमाणु कार्यक्रम को महीनों पीछे धकेला: अमेरिका
अमेरिकी खुफिया आकलन में कहा गया है कि अमेरिकी हवाई हमलों ने ईरान की परमाणु क्षमता को नष्ट नहीं किया बल्कि इसे केवल कुछ महीनों के लिए पीछे धकेल दिया है. खुफिया रिपोर्टों के बारे में पूछे जाने पर ट्रंप ने कहा कि वे नहीं जानते हैं.
इजरायल ने (13 जून, 2025) को ईरानी परमाणु सुविधाओं पर हमला किया और ईरान के टॉप सैन्य कमांडरों को मार डाला. जवाबी कार्रवाई करते हुए ईरान ने भी इजरायल के सैन्य स्थलों और शहरों पर मिसाइलों की बौछार कर दी.
ट्रंप ने इजरायल और ईरान के बीच 12 दिनों से चल रहे संघर्ष को समाप्त करने के लिए सीजफायर की मध्यस्थता की. अमेरिकी राष्ट्रपति ने मंगलवार को दोनों देशों और विशेष रूप से इजरायल को लेकर कहा कि उन्होंने संघर्ष विराम का उल्लंघन किया है. दोनों देशों ने कहा है कि वे संघर्ष विराम का सम्मान करेंगे, बशर्ते दूसरा भी ऐसा ही करे.
अमेरिका ने ईरान के परमाणु स्थलों पर किया हमला
ईरान इजरायल जंग के बीच अमेरिका ने शनिवार को ईरान के तीन परमाणु स्थलों पर बमबारी की. ये स्थल फोर्डो, नतांज और इस्फहान थे. तेहरान ने दावा किया था कि हमलों से पहले उसने अपने यूरेनियम भंडार को स्थानांतरित कर दिया था.
अमेरिका ने जमीन के अंदर बने ईरान के परमाणु ठिकानोंं पर बमबारी के लिए बंकर बस्टर बमों का इस्तेमाल किया, जिसके बाद ईरान ने कतर में अमेरिकी सैन्य अड्डे पर मिसाइलें दागकर जवाबी कार्रवाई की. ट्रंप ने खुलासा किया कि तेहरान ने हमले से पहले उन्हें सूचित किया था इसलिए कोई घायल नहीं हुआ.
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