क्या गाजा में नहीं लौटेगा अमन? इजरायल अपनी शर्त पर अड़ा; जानें क्या है मामला

क्या गाजा में नहीं लौटेगा अमन? इजरायल अपनी शर्त पर अड़ा; जानें क्या है मामला


Israel-Hamas ceasefire: इजरायल और हमास के बीच आज से शुरू होने वाले 42 दिन के सीज़फायर के ठीक पहले इजरायली पीएम बेंजामिन नेतन्याहू का एक महत्वपूर्ण बयान आया है. इस बयान ने युद्ध विराम पर आशंका के बादल ला दिए हैं.

दरअसल, इजरायल और हमास के बीच 6 हफ्तों के इस युद्ध विराम के दौरान बंधकों और कैदियों की रिहाई होनी है. हमास जहां इजरायली बंधकों को रिहा करेगा वहीं इजरायल को कैदियों को रिहा करना होगा. लेकिन बेंजामिन नेतन्याहू ने अब साफ कह दिया है कि इजरायल को जब तक रिहा होने वाले अपने बंधकों की पूरी लिस्ट नहीं मिल जाती, तब तक युद्ध विराम का कोई सवाल खड़ा नहीं होता.

नेतन्याहू ने एक्स पर एक पोस्ट में लिखा, ‘हम तब तक सीज़फायर के एग्रीमेंट पर आगे नहीं बढ़ेंगे, जब तक हमें रिहा किए जाने वाले बंधकों की पूरी लिस्ट नहीं मिल जाती. यह पहले ही तय किया जा चुका था. इजरायल इस समझौते के किसी भी अंश का उल्लंघन बर्दाश्त नहीं करेगा. हमास की जिम्मेदारी है कि वह समझौते का पूरा पालन करे.’

आज शाम से शुरू होगा युद्ध विराम का पहला चरण
युद्ध विराम का पहला चरण कुल 42 दिनों का होगा. इस दौरान हमास के लड़ाके इजरायल के 98 में से 33 बंधकों को रिहा करेंगे. इजरायल की ओर से 737 कैदी रिहा किए जाएंगे. बंधकों और कैदियों के आदान-प्रदान के लिए तीन पॉइंट बन चुके हैं. केरिम शालोम, एरेज़ और रीम में यह पॉइंट्स होंगे. यहां डॉक्टर्स और मेंटल हेल्थ विशेषज्ञ मौजूद होंगे जो रिहा होने वाले लोगों की जांच करेंगे.

समझौते के अनुसार, इन 42 दिनों में इजरायली सेना गाज़ा के घनी आबादी वाले इलाकों से धीरे-धीरे पीछे हटना शुरू होगी. सेना के इन इलाकों से हटने के बाद ही यहां के निवासी फिर से अपने घरों में वापसी कर सकेंगे. जब तक सभी इजरायली बंधक मुक्त नहीं कर लिए जाते तब तक इजरायल के सैनिक पूरी तरह से गाज़ा से पीछे नहीं हटेंगे. युद्ध विराम के पहले फेज के 16वें दिन से दूसरे फेज़ के लिए बातचीत आगे बढ़ेगी.

47 हजार से ज्यादा मौतें
गाज़ा में पिछले 15 महीनों से इजरायल और हमास के बीच जंग छिड़ी हुई है. 7 अक्टूर 2023 को हमास के सरप्राइज अटैक में 1200 से ज्यादा जानें गवाने के बाद इजरायल ने जंग का एलान किया था. इजरायल के हमले में गाज़ा में रहने वाले 46000 लोगों के मारे जाने का अनुमान है.

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