Canada News: कनाडा की लिबरल पार्टी के नए नेता और अगले प्रधानमंत्री मार्क कार्नी भारत के साथ संबंध सुधारने के इच्छुक हैं, लेकिन उनकी इमिग्रेशन नीति भारतीय नागरिकों को प्रभावित कर सकती है.
कार्नी ने कहा है कि जब तक इमिग्रेशन का स्तर कोरोना से पहले वाले स्तर तक नहीं पहुंच जाता, तब तक वह इसे सीमित रखेंगे. बिजनेस स्टैंडर्ड की रिपोर्ट के अनुसार, फरवरी 2025 में मॉन्ट्रियल में होने वाली पहली नेतृत्व बहस से पहले, कार्नी के अभियान ने आर्थिक विकास और आवास योजनाओं के लिए एक रूपरेखा तैयार की थी.
‘इमिग्रेशन पर नहीं दिया है कोई ठोस बयान’
कनाडा के एक इमिग्रेशन विश्लेषक दर्शन महाराजा ने बिजनेस स्टैंडर्ड से बातचीत में कहा कि मार्क कार्नी ने अब तक आव्रजन नीति पर कोई ठोस बयान नहीं दिया है. उन्होंने संभावना जताई कि कार्नी मौजूदा इमिग्रेशन नीति में कोई बड़ा बदलाव नहीं करेंगे. महाराजा ने यह भी कहा कि फिलहाल कनाडा के लिए अमेरिका के साथ जारी टैरिफ युद्ध सबसे बड़ी चुनौती है इसलिए इस समय आव्रजन के मुद्दे पर कार्नी पर किसी तरह का दबाव बनाए जाने की संभावना कम है.
अपनी जीत के भाषण में मार्क कार्नी ने इमिग्रेशन के मुद्दे पर कोई टिप्पणी नहीं की, लेकिन जब डोनाल्ड ट्रंप के व्यापार युद्ध और कनाडा के अमेरिका का 51वां राज्य बनने के सुझाव पर पूछा गया तो उन्होंने साफ शब्दों में कहा, ‘बिल्कुल नहीं!’
‘भारत के साथ सुधारना चाहते हैं रिश्ते’
मार्क कार्नी ने भारत के साथ संबंध सुधारने की इच्छा जाहिर की है. इससे पहले जस्टिन ट्रूडो के कार्यकाल के दौरान भारत और कनाडा के रिश्ते काफी खराब हो गए थे. ट्रूडो ने आरोप लगाया था कि खालिस्तानी आतंकवादी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या में भारतीय एजेंटों का हाथ हो सकता है, जिसके बाद दोनों देशों के रिश्ते तनावपूर्ण हो गए थे. हालांकि भारत ने इन आरोपों को पूरी तरह से निराधार बताते हुए खारिज कर दिया था.
बैंक ऑफ इंग्लैंड के पूर्व गवर्नर रहे कार्नी ओटावा के व्यापारिक संबंधों में विविधता लाने के इच्छुक हैं और नई दिल्ली सहित अन्य देशों के साथ व्यापार बढ़ाने पर जोर देना चाहते हैं. अपने चुनाव से पहले कैलगरी में मीडिया से बातचीत के दौरान कार्नी ने अमेरिका के साथ टैरिफ के मुद्दे पर चर्चा की थी. इस दौरान उन्होंने कहा था, “कनाडा समान विचारधारा वाले देशों के साथ व्यापारिक संबंधों का विस्तार करना चाहता है और भारत के साथ संबंध सुधारने के लिए अभी भी कई अवसर मौजूद हैं.”