‘क्या नेहरू जी असंवैधानिक थे’, वन नेशन वन इलेक्शन बिल के विरोध पर किरेन रिजिजू का पलटवार

‘क्या नेहरू जी असंवैधानिक थे’, वन नेशन वन इलेक्शन बिल के विरोध पर किरेन रिजिजू का पलटवार


One Nation One Election: लोकसभा में मंगलवार (17 दिसंबर) को ‘वन नेशन वन इलेक्शन’ बिल पेश हो सकता है. इस बिल को लेकर जहां विपक्ष सवाल खड़ा कर रहा है, तो वहीं सत्ता पक्ष इस बिल को देशहित में बता रहा है. इसके अलावा विपक्ष लगातार ईवीएम पर सवाल उठा रहा है.

इसी को लेकर अब केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू ने कांग्रेस पर निशाना साधा है. उन्होंने कहा कि वन नेशन वन इलेक्शन देश के लिए जरूरी है. आजादी मिलने के बाद वन नेशन वन इलेक्शन ही था.

कांग्रेस पर साधा निशाना 

वन नेशन वन इलेक्शन’ विधेयक पर केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू ने कहा, “देखिए, एक राष्ट्र एक चुनाव का मुद्दा देश के लिए बहुत महत्वपूर्ण है और कांग्रेस पार्टी इसका विरोध करने के लिए कोई भी वैध बिंदु पेश नहीं कर पा रही है. कांग्रेस का कहना है कि यह असंवैधानिक है और संघीय ढांचे को नुकसान पहुंचाता है.जब देश को आज़ादी मिली तो वन नेशन वन इलेक्शन ही था. जब नेहरू जी प्रधानमंत्री थे तब तो यही था. तो कांग्रेस क्या कहना चाहते हैं कि नेहरू जी असंवैधानिक है हिम्मत है तो बोलें. 

ईवीएम पर सवाल उठाए जाने दिया जवाब

विपक्ष द्वारा ईवीएम पर सवाल उठाए जाने पर केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू ने कहा, “देखिए, ईवीएम के बारे में मैं बस इतना कहना चाहता हूं कि 2004 में कांग्रेस की सरकार ईवीएम के जरिए सत्ता में आई थी. 2009 में कांग्रेस ने फिर ईवीएम के जरिए चुनाव जीता और सत्ता में आई. अभी भी कुछ राज्यों में कांग्रेस सत्ता में है. संसद में जो सदस्य चुनकर आए हैं, वे ईवीएम के जरिए आए हैं.”

‘देश में होगी प्रगति’

‘वन नेशन वन इलेक्शन’ पर भाजपा के राज्यसभा सदस्‍य बृजलाल ने कहा कि मैं इसका स्वागत करता हूं. क्योंकि आजादी के बाद कई सालों तक लोकसभा और विधानसभा के चुनाव साथ में होते थे, कोई दिक्कत नहीं थी. कांग्रेस ने आपातकाल लगाया था. भाजपा की सरकार में क्या ऐसा कुछ देखने को मिला. इसलिए अब समय आ गया है कि वन नेशन वन इलेक्शन होना चाहिए. इसके होने से आचार संहिता नहीं लगेगी. इस बिल के होने से देश प्रगति करेगा.



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