निवेश की दुनिया में सोना और शेयर मार्केट दोनों ही बड़े नाम हैं. मगर जब बात आती है किसमें निवेश करना ज़्यादा फायदेमंद है, तो लोगों के मन में अक्सर दुविधा होती है. इस पर मशहूर निवेशक वॉरेन बफे के विचार बड़े दिलचस्प हैं. उनका मानना है कि “सोना सिर्फ डर के वक्त काम आता है” और “यह कुछ नहीं करता, बस तुम्हें देखता है” यानी न तो ये डिविडेंड देता है और न ही प्रोडक्टिव एसेट होता है. लेकिन आंकड़े कुछ और ही कहानी बयां करते हैं. आइए देखते हैं कि हालिया आंकड़ों के आधार पर गोल्ड और शेयर बाजार की टक्कर में कौन रहा आगे.
2025 के शुरुआती महीनों में सोने की चमक
इस साल के पहले पांच महीनों यानी जनवरी से मई 2025 तक के आंकड़ों पर नजर डालें तो गोल्ड ने 16.3 फीसदी का रिटर्न दिया है. वहीं दूसरी ओर, भारत का प्रमुख इंडेक्स Nifty 50 महज 4.3 फीसदी ही बढ़ पाया है. इसका सीधा मतलब है कि अगर किसी निवेशक ने दिसंबर 2024 में 100 रुपये गोल्ड और 100 रुपये Nifty में लगाए होते, तो आज गोल्ड वाला निवेश 116.3 रुपये और शेयर वाला 104.3 रुपये का हो गया होता.
अनिश्चितता में बढ़ता है गोल्ड का जलवा
गोल्ड के बढ़ते दामों की एक प्रमुख वजह वैश्विक अस्थिरता है. अमेरिका की व्यापार नीति, टैरिफ को लेकर असमंजस और वैश्विक आर्थिक अनिश्चितताओं ने निवेशकों के बीच डर का माहौल बना रखा है. और जब भी डर बढ़ता है, सोने की चमक बढ़ जाती है.
10 साल का आंकड़ा भी गोल्ड के पक्ष में
अब बात करें लंबे समय की, यानी बीते 10 वर्षों की तो अगर किसी ने 10 साल पहले 100 रुपये गोल्ड और 100 रुपये स्टॉक्स में निवेश किए होते, तो आज गोल्ड ने औसतन 12.9 फीसदी सालाना रिटर्न दिया होता, जबकि स्टॉक्स ने 10.6 फीसदी का सालाना रिटर्न दिया होता.
COVID-19 महामारी के दौरान तो सोना स्टॉक्स से बहुत आगे निकल गया था, हालांकि बाद में स्टॉक्स ने रिकवरी कर ली. फिर भी आंकड़ों से साफ है कि लंबी अवधि में भी सोने ने शेयर बाजार को थोड़ा पीछे छोड़ दिया है.
क्या वॉरेन बफे गलत थे?
असल में नहीं. वॉरेन बफे का कहना है कि सोना “डर” पर आधारित एसेट है और यह बात सही है. Asad Dossani, जो कोलोराडो स्टेट यूनिवर्सिटी में फाइनेंस के प्रोफेसर हैं, कहते हैं कि निवेशक हमेशा किसी न किसी चीज़ से डरे रहते हैं, चाहे वो आर्थिक मंदी हो, राजनीतिक संकट हो या किसी महामारी का खतरा. यही डर निवेशकों को गोल्ड की ओर मोड़ता है और यही वजह है कि सोना लगातार एक भरोसेमंद निवेश बना हुआ है.
तो फिर निवेश कहां करें, गोल्ड या स्टॉक्स?
ये इस बात पर निर्भर करता है कि आप किस तरह के निवेशक हैं. अगर आप जोखिम से बचना चाहते हैं तो गोल्ड आपके लिए एक सुरक्षित विकल्प है. लेकिन अगर आप लंबी अवधि में ज़्यादा रिटर्न चाहते हैं और उतार-चढ़ाव सह सकते हैं, तो शेयर बाजार भी एक अच्छा विकल्प है. विशेषज्ञों की सलाह है कि किसी भी पोर्टफोलियो में गोल्ड और स्टॉक्स दोनों का संतुलन होना चाहिए, ताकि जोखिम भी कम रहे और रिटर्न भी संतुलित मिल सके.
डिस्क्लेमर: (यहां मुहैया जानकारी सिर्फ सूचना हेतु दी जा रही है. यहां बताना जरूरी है कि मार्केट में निवेश बाजार जोखिमों के अधीन है. निवेशक के तौर पर पैसा लगाने से पहले हमेशा एक्सपर्ट से सलाह लें. ABPLive.com की तरफ से किसी को भी पैसा लगाने की यहां कभी भी सलाह नहीं दी जाती है.)
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