<p style="text-align: justify;">रूस-यूक्रेन युद्ध में एक बार फिर तकनीक ने बड़ा मोड़ लिया है. इस बार यूक्रेन ने रूस के भीतर एक ऐसा हमला किया, जिसने दुनिया को चौंका दिया. इस ऑपरेशन का नाम था ‘स्पाइडर वेब’ . इस ऑपरेशन की खास बात यह है कि इसमें किसी लेटेस्ट या महंगे मिलिट्री सॉफ्टवेयर का नहीं, बल्कि लगभग 20 साल पुराने एक ओपन-सोर्स ऑटोपायलट सिस्टम ‘ArduPilot’ का इस्तेमाल किया गया.</p>
<p style="text-align: justify;">यूक्रेन ने इस ऑपरेशन के जरिए रूस के तीन बेहद महत्वपूर्ण और गहराई में स्थित एयरबेस, बेलाया, ओलेन्या और इवानोवो पर हमला किया, जहां रूस के लॉन्ग-रेंज बमवर्षक और क्रूज मिसाइल कैरियर्स तैनात थे.</p>
<p style="text-align: justify;">इस हमले में कुल 117 स्वचालित ड्रोन शामिल थे, जिन्हें चुपके से रूसी सीमा के भीतर छिपा दिया गया था और ऑपरेशन के समय ट्रिगर करके लॉन्च किया गया.</p>
<p style="text-align: justify;"><strong>ऑपरेशन की खास बातें:</strong></p>
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<li style="text-align: justify;">लगभग 34% रूसी स्ट्रैटेजिक बमवर्षक विमानों को किया गया तबाह</li>
<li style="text-align: justify;">ArduPilot सॉफ्टवेयर से ड्रोन को ऑटोनॉमस तरीके से कंट्रोल किया गया</li>
<li style="text-align: justify;">Starlink जैसे सैटेलाइट सिस्टम्स की जगह लोकल मोबाइल नेटवर्क और बेसिक हार्डवेयर (जैसे Raspberry Pi) का इस्तेमाल</li>
<li style="text-align: justify;">ऑपरेशन की प्लानिंग एक साल से ज्यादा समय तक की गई थी</li>
<li style="text-align: justify;">इसे तीन टाइम जोन्स में एक साथ अंजाम दिया गया</li>
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<p style="text-align: justify;"><strong>क्यों है यह ऑपरेशन खास?</strong></p>
<p style="text-align: justify;">यह दिखाता है कि सस्ता, पुराना और ओपन-सोर्स टेक्नोलॉजी भी सही रणनीति से बड़ी सैन्य ताकतों को चौंका सकती है. यह युद्ध के भविष्य की एक नई तस्वीर पेश करता है कि छोटे लेकिन स्मार्ट हथियार भी बड़ी तबाही लाई जा सकती है. </p>
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क्या है ऑपरेशन ‘स्पाइडर वेब’: 20 साल पुराने सॉफ्टवेयर से यूक्रेन किया चौंकाने वाला हमला
