क्या 55000 रुपये तक गिर जाएगी सोने की कीमत? सोने की कीमत के लिए लगाया गया ये अनुमान

क्या 55000 रुपये तक गिर जाएगी सोने की कीमत? सोने की कीमत के लिए लगाया गया ये अनुमान


Gold Price Today: रेसिप्रोकल टैरिफ के चलते जहां एक तरफ शेयर बाजार में हलचल है तो वहीं गोल्ड में निवेश एक सुरक्षित मौका लग रहा है. इस बीच, आज 4 अप्रैल, 2025 को सोने की कीमत में भारी गिरावट देखी गई. इससे एक तरफ जहां निवेशकों को फायदा हो रहा है, वहीं उपभोक्ताओं पर दबाव बढ़ा है. अमेरिका में मॉर्निंगस्टार के एक एनालिस्ट ने आने वाले कुछ सालों में सोने की कीमतों में 38 परसेंट तक की गिरावट आने की भविष्यवाणी की है. 

इतनी कम हो सकती है सोने की कीमत

आज घरेलू बाजारों में 10 ग्राम 24 कैरेट सोने की कीमत 90,000 रुपये है, वहीं ग्लोबल मार्केट में इसकी कीमत 3,100 डॉलर से ज्यादा है. लगभग 40 परसेंट की संभावित गिरावट के साथ इसकी कीमत आने वाले समय में भारतीय बाजारों में लगभग 55,000 रुपये प्रति 10 ग्राम तक पहुंच सकती है. मॉर्निंगस्टार के स्ट्रैटेजिस्ट जॉन मिल्स को उम्मीद है कि सोने की कीमतें मौजूदा 3,080 डॉलर प्रति औंस से गिरकर 1,820 डॉलर प्रति औंस हो जाएंगी, जो सोने की कीमतों में होने वाली भारी गिरावट है. 

इस वजह से बढ़ी थी कीमत

सोने की कीमत में हाल के दिनों में आई तेजी के पीछे कई बड़ी वजहें थीं जैसे कि आर्थिक अनिश्चितता, महंगाई की आशंका, भू-राजनीतिक तनाव, अमेरिकी टैरिफ वगैरह. इसके चलते सुरक्षित निवेश के रूप में सोने की खूब डिमांड बढ़ी. हालांकि, अब कई ऐसे फैक्टर्स हैं जिससे कीमतें कम हो सकती हैं. 

क्यों कीमत कम होने का लगाया जा रहा अनुमान? 

सोने की बढ़ती सप्लाई- सोने का उत्पादन काफी बढ़ गया है. साल 2024 की दूसरी तिमाही में खनन से होने वाला मुनाफा करीब 950 डॉलर प्रति औंस तक पहुंच गया. सोने का वैश्विक भंडार भी 9 परसेंट बढ़कर 2,16,265 टन हो गया है. ऑस्ट्रेलिया ने सोने का प्रोडक्शन काफी बढ़ाया है और रीसाइकिल सोने की सप्‍लाई में भी तेजी आई है. 

डिमांड में आई कमी- पिछले साल 1,045 टन सोना खरीदने वाले केंद्रीय बैंकों की तरफ से डिमांड कम हो सकती है. वर्ल्ड गोल्ड काउंसिल के एक सर्वे में इसका खुलासा हुआ है कि 71 सेंट्रल बैंक अपने सोने के भंडार को कम करने या बनाए रखने की प्लानिंग कर रहे हैं. 

मार्केट सेचुरेशन- साल 2024 में सोने के क्षेत्र में विलय और अधिग्रहण में 32 परसेंट की वृद्धि हुई है, जो बाजार में पीक का संकेत है. इसके अलावा सोने-समर्थित ईटीएफ में वृद्धि उन पैटर्नों को दर्शाती है जो पिछली बार कीमतें कम होने के समय देखी गई थीं. 

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