क्या Krutrim दे पाएगा ChatGPT और DeepSeek को टक्कर? ओला ला रहा है देसी AI असिस्टेंट कृति, जानें

क्या Krutrim दे पाएगा ChatGPT और DeepSeek को टक्कर? ओला ला रहा है देसी AI असिस्टेंट कृति, जानें


Ola Krutrim – AI To Launch Soon: ओला ने 2023 में भारतीय AI इकोसिस्टम को ध्यान में रखते हुए Krutrim AI की शुरुआत की थी. यह भारत का पहला घरेलू AI स्टार्टअप है, जिसका मकसद भारतीय भाषाओं, सेवाओं और टेक्नोलॉजी इन्फ्रास्ट्रक्चर को मजबूती देना है. कंपनी जल्द ही कृत्रिम असिस्टेंट को लॉन्च कर सकती है.

ओला के फाउंडर भावेश अग्रवाल ने हाल ही में इसको लेकर बड़ी जानकारी दी है. उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा, “कृत्रिम असिस्टेंट आकार ले रहा है और इस महीने लॉन्च होगा. टीम इस पर कड़ी मेहनत कर रही है, जिससे इसे बेहतरीन प्रोडक्ट बनाया जा सके. साथ ही, असिस्टेंट का नाम Kruti (कृति) रखने के बारे में सोच रहा हूं. इसे ग्लोबल ऐप्स और भारत के संदर्भ में उनसे बेहतर बनाने के लिए काम चल रहा है”. 

कैब बुकिंग और रीजनिंग
कृत्रिम AI असिस्टेंट को इसका कैब बुकिंग फीचर और रीजनिंग एबिलिटी अन्य बड़े AI मॉडल्स जैसे ChatGPT और DeepSeek से अलग बनाता है. इसका मतलब है कि यदि आप इस AI से कोई सवाल पूछते हैं, तो यह तुरंत जवाब देने के बजाय पहले उस पर “सोचेगा” और फिर एक बेहतर और लॉजिकल उत्तर देगा, लेकिन इससे भी खास बात ये है कि यह आपके लिए ओला की कैब भी बुक कर सकता है, जो कि आज तक किसी भी पॉपुलर AI मॉडल में देखने को नहीं मिला है.

Ghibli स्टाइल फोटो और लोकल इंटीग्रेशन
कृत्रिम AI असिस्टेंट की एक और दिलचस्प खासियत यह है कि इसके ज़रिए आप Ghibli स्टाइल की फोटोज भी क्रिएट कर सकते हैं. यह एक एनीमेशन स्टाइल है जो खासतौर पर जापान में पॉपुलर है, लेकिन अब भारतीय यूजर्स के लिए भी AI आधारित फोटो बनाने की सुविधा मिल सकेगी. इसके साथ ही, यह असिस्टेंट लोकल डेटा और आपकी जरूरतों को ध्यान में रखते हुए उत्तर देगा, जो इसे ChatGPT जैसे ग्लोबल मॉडल्स से अलग बनाता है.

अभी क्या कर सकता है कृत्रिम?
फिलहाल यह AI असिस्टेंट DeepSeek R1 की मदद से सवालों के जवाब दे रहा है. Ola ऐप में कृत्रिम का ऑप्शन मौजूद है, लेकिन अभी यह कैब बुकिंग के लिए सक्रिय नहीं है. उम्मीद की जा रही है कि लॉन्च के बाद, नए अपडेट्स के साथ इसमें कैब बुकिंग, फोटो क्रिएशन और स्मार्ट रीजनिंग जैसे फीचर्स लाइव किए जाएंगे. भावेश अग्रवाल के मुताबिक, टीम दिन-रात मेहनत कर रही है ताकि भारत को एक ऐसा AI दिया जा सके जो दुनिया के किसी भी बड़े मॉडल को टक्कर दे सके.

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