Cryptocurrency Scam Case: प्रवर्तन निदेशालय (ED) की चंडीगढ़ जोनल ऑफिस ने क्रिप्टोकरंसी घोटाले में बड़ी कार्रवाई करते हुए 24 फरवरी 2025 को हरियाणा में 6 अलग-अलग स्थानों पर छापेमारी की. यह छापेमारी मनी लॉन्ड्रिंग रोकथाम अधिनियम (PMLA), 2002 के तहत की गई.
ईडी को मिले अहम सुराग, करोड़ों की डिजिटल संपत्ति जब्त
छापेमारी के दौरान ईडी ने कई मोबाइल फोन और अलग-अलग डिजिटल वॉलेट में रखी गई 17.20 करोड़ रुपये की क्रिप्टोकरंसी जब्त की है. जांच एजेंसी को शक है कि यह घोटाला बड़े पैमाने पर निवेशकों को गुमराह कर अवैध रूप से पैसे जुटाने से जुड़ा है.
कैसे हुआ घोटाला?
प्रारंभिक जांच में सामने आया है कि कुछ संदिग्ध लोग क्रिप्टोकरंसी में मोटे मुनाफे का लालच देकर निवेशकों को फंसाते थे. इसके लिए सोशल मीडिया और अन्य ऑनलाइन प्लेटफॉर्म का इस्तेमाल किया जाता था.
सूत्रों के मुताबिक, इस स्कीम में लोगों को यह कहकर जोड़ा गया कि वे अपनी रकम को क्रिप्टोकरंसी में बदलकर दोगुना या तिगुना कमा सकते हैं लेकिन जब निवेशकों ने अपनी रकम वापस लेनी चाही तो उन्हें टाल-मटोल किया गया.
ईडी की जांच जारी, और भी खुलासों की उम्मीद
ईडी अधिकारियों के अनुसार, छापेमारी के दौरान जब्त किए गए मोबाइल फोन और डिजिटल वॉलेट की जांच की जा रही है. यह भी देखा जा रहा है कि इस घोटाले के तार किसी बड़े रैकेट से जुड़े हैं या नहीं.
देश में क्रिप्टो घोटालों पर सरकार की सख्ती
पिछले कुछ सालों में भारत में क्रिप्टोकरंसी से जुड़े कई घोटाले सामने आए हैं. सरकार ने क्रिप्टो निवेश को लेकर कड़े नियम लागू किए हैं और ईडी जैसी एजेंसियां इस पर कड़ी नजर रख रही हैं.
ईडी की इस कार्रवाई से क्रिप्टोकरंसी के नाम पर धोखाधड़ी करने वालों को बड़ा झटका लगा है. साथ ही, यह कार्रवाई उन लोगों के लिए भी चेतावनी है जो अवैध तरीके से डिजिटल संपत्तियों का उपयोग कर रहे हैं. ईडी की जांच अभी जारी है और आने वाले दिनों में इस मामले में और बड़े खुलासे हो सकते हैं.
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