Earthquake In Myanmar: भूकंप की मार से बैंकॉक से लेकर म्यांमार तक त्राहिमाम है. ऊंची-ऊंची इमारतें, हाईटेक इंतजाम सबने सरेंडर कर दिया है, लेकिन खतरा अभी टला नहीं है, क्योंकि 24 घंटे में 15 बार म्यांमार की धरती भूकंप से कांप चुकी है.
24 घंटे में 15 झटके, 1 हजार से ज्यादा लोगों की मौत. ये म्यांमार की अब तक की सबसे बड़ी त्रासदी है क्योंकि हर दूसरे घंटे में धरती कांपने लगती है. भूकंप के बाद से म्यांमार में इटरनेट सेवा ठप है. इसलिए ज्यादा तस्वीरें बाहर नहीं आ रही है, लेकिन जितनी भी आ रही हैं, वो अंदर से डरा रही है. कई इमारतें और पुल धराशायी हो गए हैं. इसमें वो एवा ब्रिज भी शामिल है, जो कभी म्यांमार की शान होता था, लेकिन भूकंप के विस्फोटकारी झटकों के आगे बुरी तरह ढह गया. इस पुल का निर्माण 1934 में हुआ था.
भूकंप में म्यांमार का पगोड़ा मंदिर भी ढह गया
स्थानीय लोगों के लिए यह केवल एक ढांचा नहीं, बल्कि इतिहास का हिस्सा था. भूकंप में म्यांमार का पगोड़ा मंदिर भी ढह गया. यूनेस्को की विश्व धरोहर में शामिल ये मंदिर बेहिसाब सुंदर था और साल भर यहां भक्तों का तांता लगा रहता था, लेकिन अब मंदिर के चारों ओर सिर्फ और सिर्फ बर्बादी का मंजर है.
तबाही के बीच मरहम लगा रहा भारत
म्यांमार पहले से गृहयुद्ध में जल रहा है. ऐसे में भूकंप की मार जले पर नमक की तरह है. हालांकि इस मुश्किल हालात में भारत ने म्यांमार के साथ खड़ा हुआ है. भारत ने म्यांमार के लोगों के लिए राहत सामग्री पहुंचाने के लिए ऑपरेशन ब्रम्हा शुरू किया है इसके तहत वायुसेना के विमान से राहत सामग्री यांगून भेजी गई है.
आने वाले दिनों में भी भूकंप के तेज झटकों का खतरा
ये कोई पहला मौका नहीं है जब भारत ने इस तरह से कोई खास ऑपरेशन शुरू किया है. भारत सरकार समय-समय पर संकट की स्थिति दूसरे देशों को जरूरी सहयोग मुहैया कराने के लिए खास अभियान चलाती रही है और इस बार म्यांमार की मदद कर रही है. फिलहाल म्यांमार में इमरजेंसी लगी हुई है. हालात कब सुधरेंगे कहा नहीं जा सकता, क्योंकि भूकंप ने म्यांमार में कई परमाणु बम के बराबर एनर्जी पैदा की है, जिससे आने वाले दिनों में भूकंप के तेज झटके आ सकते हैं.