खामेनेई को खत्म करने में अमेरिका देगा इजरायल का साथ! जेडी वेंस ने किया बड़ा खुलासा

खामेनेई को खत्म करने में अमेरिका देगा इजरायल का साथ! जेडी वेंस ने किया बड़ा खुलासा


US Vice President JD Vance on Ayatollah Ali Khamenei: अमेरिकी उपराष्ट्रपति जेडी वेंस ने कहा कि वॉशिंगटन की ओर से ईरान में की गई एयर स्ट्राइक ने तेहरान के न्यूक्लियर प्रोग्राम को कई सालों पीछे धकेल दिया है. उन्होंने इस बात जोर देते हुए कहा कि ईरान में किया गया यह हमला अमेरिका की खुफिया एजेंसियों के इनपुट पर किया गया था, ना कि इजरायल की.

NBC के मीट द प्रेस कार्यक्रम में इंटरव्यू के दौरान अमेरिकी उपराष्ट्रपति जेडी वेंस से पूछा गया कि क्या अमेरिका ईरान के सुप्रीम नेता अयातुल्ला अली खामेनेई के संभावित हत्या में इजरायल का साथ देगा. इस सवाल के जवाब में उपराष्ट्रपति ने कहा कि यह इजरायलियों पर निर्भर करता है. इसके साथ ही उन्होंने इस बात को दोहराते हुए कहा कि हम ईरान की सत्ता में बदलाव नहीं चाहते हैं.

ईरान के परमाणु हथियार के खिलाफ इजरायल ने शुरू की थी बमबारी

पिछले हफ्ते इजरायल ने ईरान पर मिसाइलों और ड्रोन्स के जरिए व्यापक रूप से हमले करने शुरू किए थे. इजरायल ने यह हमला तब किया जब ईरान पर परमाणु हथियार बनाने के बेहद करीब होने के आरोप लगाए गए थे. हालांकि, इजरायल के हमलों के बाद इन दोनों के बीच तनाव काफी ज्यादा बढ़ गया. इसके बाद ईरान ने इजरायल की ओर से लगाए गए इन आरोपों को सिरे से खारिज कर दिया और जवाबी कार्रवाई में इजरायल पर मिसाइल और ड्रोन हमलों की बौछार कर दी.

इजरायल ने बना लिया था ईरान के सुप्रीम लीडर के हत्या का प्लान

ईरान के साथ जारी संघर्ष के बीच इजरायल ने इस बात का संकेत दिया था कि वह ईरान के सुप्रीम नेता अयातुल्ला अली खामेनेई को अपना निशाना बना सकता है. वहीं, गुरुवार (19 जून) को एक इजरायली अस्पताल पर ईरानी मिसाइल हमले के बाद इजरायल के रक्षामंत्री इजरायल काट्ज ने धमकी दी थी कि ईरान के शीर्ष नेता अयातुल्ला अली खामेनेई को लंबे समय तक जिंदा रहने नहीं दिया जा सकता है.

हालांकि, रॉयटर्स की रिपोर्ट के मुताबिक, इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने गुरुवार (19 जून) को कहा था कि इजरायली सैन्य कार्रवाइयों का मकसद ईरान की सत्ता को गिराना नहीं है. लेकिन अगर जंग लंबे समय तक जारी रहता है तो उसका नतीजा यह भी हो सकता है. उन्होंने कहा था, “ईरान की सत्ता में बदलाव करना और सत्ता को गिराने का मुद्दा सबसे पहले ईरानी लोगों से संबंधित है और इसका कोई दूसरा विकल्प नहीं है.”



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