Bilawal Bhutto Zardari: भारत के खिलाफ जहर उगलने वाले पाकिस्तान के पूर्व विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो जरदारी के तेवर नरम पड़ गए हैं. बिलावल भुट्टो ने बुधवार (2 जुलाई 2025) को भारत से आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में शामिल होने की मांग की है. भारत लंबे समय से पाकिस्तान को आतंकियों के खिलाफ कार्रवाई करने की मांग करता रहा है, लेकिन वह हर बार इससे पल्ला झाड़ लेता था.
भारत-पाकिस्तान एक दूसरे के विरोधी नहीं- बिलावट भुट्टो
इस्लामाबाद पॉलिसी रिसर्च इंस्टीट्यूट में आयोजित एक अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन में बिलावल भुट्टो ने कहा कि हम आतंकवाद से लड़ने के लिए भारत के साथ ऐतिहासिक और अभूतपूर्व साझेदारी बनाने के लिए तैयार है. उन्होंने जोर देकर कहा कि भारत-पाकिस्तान एक दूसरे के विरोधी नहीं है.
पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (PPP) के अध्यक्ष बिलावल भुट्टो ने कहा कि भारत और पाकिस्तान को पड़ोसी बनकर रहना चाहिए और लोगों को आतंकियों से बचाने के लिए आगे आना चाहिए. सिंधु जल संधि के सस्पेंड होने से बिलावट भुट्टो ने भारत के खिलाफ कई बार कड़े शब्दों का इस्तेमाल किया था, लेकिन अब वे सभी लंबित विवादों के सामाधान के लिए भारत के सामने हाथ जोड़ रहे हैं.
पानी को हथियार न बनाएं- बिलावट भुट्टो
सिंधु जल संधि को लेकर उन्होंने कहा कि पानी को हथियार न बनाएं और हिमालय जितनी मजबूत शांति की नींव रखें. उन्होंने कहा, “सिंधु घाटी सभ्यता की साझा विरासत की ओर लौटना कोई कमजोरी नहीं, बल्कि दूरदर्शिता है. यह सिर्फ स्थानीय या क्षेत्रीय संकट नहीं, बल्कि एक वैश्विक चुनौती है.”
बिलावल भुट्टो ने तालिबान पर निशाना साधते हुए कहा, “हमने काबुल को बचाया और अब अफगान तालिबान को अपनी जिम्मेदारी निभानी चाहिए. उसे हथियारों की तस्करी रोकनी होगी, आतंकियों की आवाजाही को रोकना होगा.”
22 अप्रैल को पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद भारत ने सिंधु जल संधि को स्थगित करने समेत कई बड़े फैसले लिए थे, जिससे बौखलाकर पाकिस्तान ने शिमला समझौता को रद्द कर दिया था. भारत के एक्शन के बाद बिलावल भुट्टो ने कहा था कि सिंधु में या तो पानी बहेगा या उनका खून.
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