गाजर के हलवे से लेकर अंतरिक्ष से भारत के नजारे तक… जानें पीएम मोदी की शुभांशु शुक्ला से बातची

गाजर के हलवे से लेकर अंतरिक्ष से भारत के नजारे तक… जानें पीएम मोदी की शुभांशु शुक्ला से बातची


PM Modi interaction with Shubhanshu Shukla: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार (28 जून) को अंतरराष्ट्रीय स्पेस स्टेशन (ISS) पहुंचे पहले भारतीय एस्ट्रोनॉट ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला से बातचीत की. इस दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुभांशु शुक्ला का हालचाल पूछा और उन्हें अंतरिक्ष में भारत का परचम लहराने के लिए बधाई और शुभकामनाएं भी दीं.

पीएम मोदी ने शुभांशु शुक्ला के पूछा कि क्या वहां सब कुशल मंगल है? इस पर शुभांशु ने पीएम मोदी का धन्यवाद देते हुए कहा कि वहां सब ठीक है. शुभांशु ने आगे कहा, “सभी का आशीर्वाद और प्यार पाकर बहुत अच्छा लग रहा है. आज मैं गर्व महसूस कर रहा हूं कि मैं अपने देश का प्रतिनिधित्व कर पा रहा हूं.”

पीएम ने शुभांशु शुक्ला से पूछा, गाजर का हलवा खाया?

Axiom-4 मिशन के तहत अंतरराष्ट्रीय स्पेस स्टेशन पहुंचे शुभांशु शुक्ला से पीएम मोदी ने बातचीत के दौरान कहा, “आप अपने साथ गाजर का हलवा भी लेकर गए थे, क्या आपने खाया और अपनी साथियों के साथ भी शेयर किया.” इस पर ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला ने कहा, “हां, मैं अपने साथ गाजर का हलवा, मूंग दाल का हलवा और आम रस लेकर आया था. मैं चाहता था कि दूसरे देशों के मेरे साथी भी समृद्ध भारतीय पाककला का आनंद उठाएं. हम सभी ने इसे एक साथ खाया और सभी को यह पसंद आया. “

अंतरिक्ष से कैसा दिखता है भारत?

इस दौरान पीएम मोदी ने शुभांशु शुक्ला से पूछा कि अंतरिक्ष की विशालता देखकर आपके मन में सबसे पहला ख्याल क्या आया? इसके जवाब में शुभांशु शुक्ला ने कहा कि अंतरिक्ष से कोई सीमा दिखाई नहीं देती, जब मैंने पहली बार अंतरिक्ष से भारत को देखा, तो यह मैप की तुलना में कहीं अधिक बड़ा और भव्य दिखाई दिया.’’ इसके अलावा, यहां से कोई सीमा दिखाई नहीं देती है, कोई रेखा नहीं है. ऐसा लगता है, जैसे यह पूरी धरती ही हमारा घर है और हम सभी इसके नागरिक हैं.’’

‘पैर बंधे हैं, वरना तैरने लगता’- शुभांशु शुक्ला

इस बातचीत में शुभांशु ने प्रधानमंत्री को अंतरिक्ष में किए जा रहे विभिन्न प्रयोगों के बारे में जानकारी दी. अंतरिक्ष और पृथ्वी के बीच किस तरह का अंतर है, इस पर प्रतिक्रिया देते हुए शुक्ला ने बताया कि अंतरिक्ष में सब कुछ जमीन पर मिले प्रशिक्षण से अलग लगता है. उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी से बात करते समय उनके पैर बंधे हुए थे, अन्यथा वह तैरने लगते. उन्होंने कहा कि पानी पीने या सोने जैसे सरल कार्य अंतरिक्ष में महत्वपूर्ण चुनौतियां बन जाती हैं. शुक्ला ने बताया कि कोई व्यक्ति छत पर, दीवारों पर या कहीं भी सो सकता है, क्योंकि वातावरण ही कुछ ऐसा होता है. उन्होंने कहा, ‘‘इस बदले हुए वातावरण में समायोजन करने में एक या दो दिन लगते हैं, लेकिन यह अनुभव विज्ञान और आश्चर्य का एक सुंदर सामंजस्य है.’’

पीएम मोदी ने शुभांशु को दिया होमवर्क

पीएम मोदी ने शुक्ला से कहा कि आपकी ऐतिहासिक यात्रा सिर्फ अंतरिक्ष तक ही सीमित नहीं है, बल्कि यह विकसित भारत की दिशा में किये जा रहे प्रयासों को नयी गति प्रदान करेगी. उन्होंने कहा, ‘‘हमें मिशन गगनयान को आगे बढ़ाना है. हमें अपना खुद का अंतरिक्ष स्टेशन बनाना होगा. हमें यह सुनिश्चित करना होगा कि कोई भारतीय अंतरिक्ष यात्री चंद्रमा पर उतरे.’’ प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘आपके अनुभव भविष्य के सभी मिशन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे. मुझे विश्वास है कि आप अपने अनुभव के हर हिस्से को रिकॉर्ड कर रहे हैं.’’

आपकी यात्रा विकसित भारत के प्रयासों को नई गति देगी- पीएम मोदी

पीएम मोदी ने शुभांशु शुक्ला से कहा कि उनकी अंतरिक्ष यात्रा भारत के गगनयान मिशन की दिशा में पहला कदम है, आपकी ऐतिहासिक यात्रा सिर्फ अंतरिक्ष तक ही सीमित नहीं है, बल्कि यह विकसित भारत की दिशा में किए जा रहे प्रयासों को नई गति प्रदान करेगी, इसके बाद अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (ISS) ‘भारत माता की जय’ के नारे से गूंज उठा.

(रिपोर्ट एजेंसी की इनपुट के साथ)

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