गुजरात में बैन है शराब, फिर भी सरकार ने कमा लिया 94 लाख का रेवेन्यू, जानें कैसे

गुजरात में बैन है शराब, फिर भी सरकार ने कमा लिया 94 लाख का रेवेन्यू, जानें कैसे


Dry State Gujarat: गुजरात सरकार ने GIFT सिटी (गुजरात इंटरनेशनल फाइनेंस टेक-सिटी) में शराब की बिक्री से 94.19 लाख रुपये का राजस्व कमाया है. दरअसल, राज्य में शराबबंदी लागू होने के बावजूद, GIFT सिटी में 30 दिसंबर, 2023 से शराब पीने की अनुमति दी गई है.

गुजरात विधानसभा में मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने सोमवार (24 मार्च,2025 ) को जानकारी दी कि 31 जनवरी, 2025 तक GIFT सिटी में 3,324 बल्क लीटर स्पिरिट470 बल्क लीटर वाइन, 19,915 बल्क लीटर बीयर की बिक्री हुई है.

किन कंपनियों को मिला लाइसेंस?
सरकार के अनुसार, GIFT सिटी में शराब बेचने के लिए दो कंपनियों को लाइसेंस दिया गया है.
वेस्ट इंडिया रिक्रिएशन प्रोजेक्ट्स प्राइवेट लिमिटेड – 9 जनवरी, 2024
द ग्रैंड मर्करी – 10 जनवरी, 2024

GIFT सिटी में शराब की अनुमति क्यों दी गई?
गुजरात में 1960 से शराबबंदी लागू है, लेकिन GIFT सिटी को वैश्विक व्यापार पारिस्थितिकी तंत्र के रूप में विकसित करने के लिए सरकार ने शराब पर प्रतिबंध हटा दिया. इसके पीछे  विदेशी निवेशकों और टेक्नोलॉजी विशेषज्ञों को आकर्षित करना, राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय कंपनियों को सुविधाएं देना मुख्य कारण हैं.

नए नियम क्या हैं?
GIFT सिटी के होटल, रेस्तरां और क्लबों को ‘वाइन और डाइन’ सुविधाओं के लिए लाइसेंस मिलेगा.
शराब की बोतलों की खुदरा बिक्री प्रतिबंधित रहेगी.
व्यवसायिक जिले के कर्मचारियों और कंपनियों के मालिकों को शराब परमिट मिलेगा.
गुजरात आने वाले बाहरी लोगों को भी अस्थायी परमिट पर शराब खरीदने की अनुमति होगी.
 GIFT सिटी में शराब की बिक्री को लेकर सरकार की यह नीति निवेशकों को आकर्षित करने की दिशा में एक बड़ा कदम मानी जा रही है.

शराबबंदी लागू करने वाला गुजरात पहला राज्य
बता दें कि गुजरात पहला राज्य था, जिसने शराबबंदी लागू की थी. 1 मई 1960 को बॉम्बे से अलग होकर जब गुजरात बना, तभी से वहां  शराब के निर्माण, बिक्री और सेवन पर पूर्ण प्रतिबंध लगा दिया गया था. हालांकि शराबबंदी के बावजूद, गुजरात में अवैध शराब की तस्करी और सेवन की समस्या बनी हुई है.



Source link

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *