Hoshi Takayuki: आध्यात्म के रास्ते चलकर सांसारिक मोह-माया का त्याग देने वालों के बारे में हममें से कई ने पढ़ा या देखा है. आप हम आपको एक ऐसे ही शख्स के बारे में बताने जा रहे हैं, जो भोले बाबा की भक्ति में इतना लीन हो गया कि अपना घर-परिवार, देश, अरबों की दौलत सब कुछ पीछे छोड़ दिया. यहां 41 साल के होशी ताकायुकी की बात की जा रही है, जो जापान के रहने वाले हैं. बिजनेसमैन से साधु बने ताकायुकी टोक्यो में अपना कारोबार वगैरह छोड़ हिंदू धर्म को अपना लिया और शिव की भक्ति में लग गए.
नंगे पैर कांवड़ लेकर चले होशी
होशी ताकायुकी अभी अपने आध्यात्मिक नाम बाल कुंभ गुरुमुनि से जाने जाते हैं. हाल ही में उन्हें उत्तराखंड में कांवड़ यात्रा के दौरान भगवा वस्त्र पहने नंगे पैर चलते देखा गया था. जुलाई में ताकायुकी अपने 20 जापानी शिष्यों के साथ कांवड़ यात्रा में शामिल होने के लिए भारत लौटे और गंगा जल लेकर भगवान शिव को अर्पित करने चल दिए. अपने साथी कांवड़ियों का ख्याल रखते हुए उन्होंने देहरादून में दो दिवसीय भोजन शिविर का भी आयोजन किया, जहां सभी भक्तों को नि:शुल्क भोजन परोसा गया.
कैसे एकाएक बदल गए होशी ताकायुकी?
ताकायुकी के आध्यात्मिक सफर की शुरुआत दो दशक पहले तमिलनाडु की यात्रा करने के दौरान शुरू हुई थी. यहां उन्होंने नाड़ी ज्योतिष का अभ्यास किया. यह एक प्राचीन पद्धति है जो ताड़पत्र पांडुलिपियों के माध्यम से व्यक्ति के भूत और भविष्य का पता लगाने का दावा करती है. रिपोर्टों के मुताबिक, इसी दौरान उन्हें अपने पिछले जन्म के बारे में पता चला. ताकायुकी को बताया गया था कि पिछले जन्म में एक आध्यात्मिक साधक के रूप में उनका हिमालय में वास था और उनका हिंदू धर्म में वापस लौटना तय था.
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