चांद पर यह कारनामा करना चाहती थी Nokia, नहीं मिली कामयाबी, इतिहास रचने से चूकी

चांद पर यह कारनामा करना चाहती थी Nokia, नहीं मिली कामयाबी, इतिहास रचने से चूकी


Nokia एक बड़ा कारनामा करने से चूक गई है. दरअसल, कंपनी ने कुछ दिन पहले चांद पर 4G/LTE नेटवर्क डिप्लॉय करने की योजना का ऐलान किया था. यह कंपनी IM-2 मिशन का हिस्सा थी, जो चांद पर भविष्य के मिशन के लिए नासा की कई टेक्नोलॉजी और दूसरे उपकरण लेकर गया था. नोकिया की योजना चांद पर फोन कॉल करने की थी, लेकिन वह कामयाब नहीं हो पाई. आइए जानते हैं कि किस गड़बड़ के कारण नोकिया यह इतिहास रचने से चूक गई.

नोकिया ने चांद पर भेजा था कम्युनिकेशन सिस्टम

नोकिया ने चांद की सतह पर अपना कम्युनिकेशन सिस्टम भेजा था. एथेना लैंडर की मदद से यह चांद पर सुरक्षित लैंड हो गया था, लेकिन एक गड़बड़ ने पूरी मेहनत पर पानी फेर दिया. दरअसल, लैंड करते समय एथेना लैंडर साइड में गिर गया, जिस वजह से फोन कॉल के लिए पर्याप्त पावर मुहैया नहीं करवा जा सकेगी. साइड में गिरने के चलते एथेना लैंडर के सोलर पैनल दब गए और इसे रीचार्ज नहीं किया जा सका. इस वजह से चांद पर पहली फोन कॉल नहीं हो सकी.

नोकिया को हासिल हुई यह कामयाबी

नोकिया एक बड़ी कामयाबी हासिल करने में भले ही चूक गई, लेकिन इसने चांद की सतह पर LTE नेटवर्क डिप्लॉय कर दिया है. इसके अलावा कंपनी नेटवर्क के ऑपरेशन को लेकर भी कई जानकारी जुटाने में सफल रही है. कंपनी ने ऑपरेशन डेटा को धरती पर नोकिया के मिशन कंट्रोल सेंटर तक ट्रांसमिट करने में कामयाबी पाई है. कंपनी के एक अधिकारी  ने बताया कि अगर लैंडर ठीक से लैंड हुआ होता तो चांद पर पहली सेलुलर कॉल पूरी हो गई होती.

वोडाफोन ने सैटेलाइट के जरिए की वीडियो कॉल

जनवरी में वोडाफोन ने बताया था कि उसने सैटेलाइट के जरिए दुनिया की पहली “स्पेस वीडियो कॉल” की है. इसके लिए किसी विशेष सैटेलाइट हैंडसेट की जरूरत नहीं पड़ी और साधारण 4G और 5G स्मार्टफोन्स के जरिए ऐसा किया गया. कंपनी इस टेक्नोलॉजी को रोलआउट करना इसी साल शुरू कर देगी.

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