Dalai lama in Ladakh: दलाई लामा के उत्तराधिकारी को लेकर चीन पहले ही नाराज है, ऐसे में अब उनकी लद्दाख यात्रा से चीन को और मिर्च लगना तय है. हिमाचल प्रदेश के धर्मशाला से एक महीने के प्रवास पर दलाई लामा शनिवार को लद्दाख पहुंचे. वे भारतीय वायुसेना के C-130 विमान के जरिए लेह एयरपोर्ट पहुंचे. जैसे ही उनका विमान लेह एयरपोर्ट पर उतरा, सुरक्षा के कड़े घेरे के बीच उन्हें बाहर निकाला गया.
एक महीने लद्दाख में रहेंगे
दलाई लामा को भारत सरकार ने इस साल Z+ श्रेणी की सुरक्षा प्रदान की है. लेह एयरपोर्ट पर CRPF के कमांडोज़ की सुरक्षा में उन्हें बाहर लाया गया. इसके अलावा लद्दाख पुलिस ने भी उनकी सुरक्षा के लिए विशेष इंतजाम किए हैं. दलाई लामा लद्दाख में एक महीने तक प्रवास करेंगे और इस दौरान वे जनसभाओं व धार्मिक कार्यक्रमों में भाग ले सकते हैं. इसके चलते उनकी सुरक्षा व्यवस्था को लेकर प्रशासन पूरी तरह सतर्क है.
चीन को फिर चुभेगा दलाई लामा का कदम
चीन पहले से ही दलाई लामा के उत्तराधिकारी चयन पर भारत और तिब्बती समुदाय से नाराज है. ऐसे में दलाई लामा का भारत के रणनीतिक रूप से संवेदनशील इलाके लद्दाख में आना चीन को कड़ा संदेश देने जैसा है. दलाई लामा की पिछली लद्दाख यात्रा 2023 में हुई थी. जुलाई 2024 की उनकी लद्दाख यात्रा उनके अमेरिका में घुटने की सर्जरी के कारण रद्द हो गई थी.
चीन के दखल पर रुख सख्त
अब उनका यह दौरा उस वक्त हो रहा है जब उनके उत्तराधिकारी को लेकर चर्चा जोरों पर है. इसी बीच उनके कार्यालय की ओर से एक सख्त बयान आया है- ‘इस मामले में किसी और को दखल देने का कोई अधिकार नहीं है.’ यह टिप्पणी चीन के खिलाफ एक अप्रत्यक्ष हमला मानी जा रही है, जो दावा करता है कि अगला दलाई लामा चुनने का अधिकार उसी के पास है. यह बयान चीन की कम्युनिस्ट पार्टी के उस रुख के खिलाफ साफ चुनौती है, जिसमें वह मानती है कि दलाई लामा का उत्तराधिकारी चुनने का अधिकार केवल उसी के पास है.