चीन ने अमेरिका को फिर दिखाई आंख, US रक्षामंत्री के फिलीपींस दौरे से पहले तैनात कर दिए पॉवरफुल ब

चीन ने अमेरिका को फिर दिखाई आंख, US रक्षामंत्री के फिलीपींस दौरे से पहले तैनात कर दिए पॉवरफुल ब



<p style="text-align: justify;">चीन अपनी हरकतों से बाज नहीं आ रहा है. साउथ चाइना सी में ताइवान और फिलीपींस से बढ़ते तनाव के बीच सैटेलाइट की कुछ ऐसी तस्वीरें सामने आई है, जिससे इस क्षेत्र में बड़े टकराव का संभावनाएं बढती नजर आ रही हैं. इन तस्वीरों से पता चला है कि चीन ने विवादित पैरासेल द्वीप पर अपने दो एडवांस्ड बॉम्बर प्लेन उतारे हैं.</p>
<p style="text-align: justify;"><strong>अमेरिका को क्या मैसेज दे रहा चीन?</strong></p>
<p style="text-align: justify;">रॉयटर्स की रिपोर्ट के मुताबिक, चीन ने साल 2020 के बाद ऐसा पहली बार किया है कि विवादित द्वीप पर एडवांस्ड बॉम्बर प्लेन H-6 को तैनात किया हो. एक्सपर्ट्स का मानना है कि चीन ऐसा करके अमेरिका को मैसेज देने की कोशिश कर रहा है कि उसके पास अब पेशेवर सेना है और वो किसी भी देश के सामने झुकने वाला नहीं है. ऑस्ट्रेलिया के ग्रिफिथ एशिया इंस्टीट्यूट के पीटर लेटॉन ने कहा, "चीन का बॉम्बर्स को यहां तैनात करना अमेरिका और फिलीपींस को संदेश देना भी हो सकता है कि अगर आप में लंबी दूरी तक हमला करने की क्षमता है तो हम आपसे किसी भी तरह पीछे नहीं है."</p>
<p style="text-align: justify;"><strong>अमेरिकी रक्षा मंत्री के दौरे से पहले दिखा चीनी विमान</strong></p>
<p style="text-align: justify;">चीन ने इन बॉम्बर्स को अक्टूबर 2024 में ताइवान के आसपास युद्धाभ्यास में तैनात किया था, जिसे चीन अपना क्षेत्र बताता है. चीन की ओर से की गई तैनाती की टाइमिंग पर अगर नजर डाली जाए तो वो अमेरिका को धमकी की तरह दिखाई दे रही है. दरअसल सैटेलाइट ने मार्च 2025 के आखिर में अमेरिकी रक्षा मंत्री पीट हेगसेथ के फिलीपींस दौरै से ठीक पहले विवादित स्कारबोरो शोल के ऊपर दो H-6 विमानों को उड़ते हुए कैद किया. उस दौरे के दौरान अमेरिकी रक्षा मंत्री ने फिलीपींस के साथ रहने की प्रतिबद्धता दोहराई थी.</p>
<p style="text-align: justify;"><strong>चीन के ये दो महत्वपूर्ण विमान भी इस क्षेत्र में थे तैनात</strong></p>
<p style="text-align: justify;">इस क्षेत्र के राजनयिकों और विश्लेषकों का कहना है कि चीन के H-6 विमान की तैनाती को लेकर बारीकी से जांच की जा रही है. रिपोर्ट के मुताबिक, अभी तक न तो चीन के रक्षा मंत्रालय और न ही फिलीपींस की समुद्री और राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद ने इस पर कोई टिप्पणी की है. पैरासेल द्वीप पर चीन के कब्जे को विवादित बताने वाले वियतनाम के विदेश मंत्रालय ने भी इस मामले पर अभी तक कोई टिप्पणी नहीं की है.</p>
<p style="text-align: justify;">मैक्सार की ओर से जारी की गई एक और सैटेलाइट इमेज में उसी तारीख को चीन के दो Y-20 कार्गो प्लेन और एक KG-500 विमान भी वहां देखे गए. इन विमानों को चीन के लिए काफी महत्वपूर्ण माना जाता है. कुछ विश्लेषकों का कहना है कि यह सभी विमान 17 मई को साउथ चाइना सी में आया और 23 मई तक वहीं रहा.</p>
<p style="text-align: justify;"><strong>बॉम्बर्स विमानों को कहां तैनात करता है चीन?</strong></p>
<p style="text-align: justify;">चीन बॉम्बर्स विमानों को आमतौर पर उन ठिकानों पर रखता है, जो सुरक्षा की दृष्टि से काफी महत्वपूर्ण है. ताकि युद्ध की स्थिति में उसे अमेरिकी हमलों से अधिक सुरक्षा मिल सके. लंबे समय से चीन पूरे दक्षिण सागर पर अपनी संप्रभुता का दावा करता है, जिसमें ब्रूनेई, इंडोनेशिया, मलेशिया, फिलीपींस, ताइवान और वियतनाम के क्षेत्र भी शामिल हैं. इसी दावे को मजबूती देने के लिए चीन दक्षिण चीन सागर में अपनी सैन्य उपस्थिति को बढ़ा रहा है.</p>



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