Mahakumbh 2025: उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में महाकुंभ जारी है. ऐसे में देखरेख करने वाले अधिकारियों ने पहली बार लोगों का पता लगाने और भव्य धार्मिक समागम के दौरान भीड़ को नियंत्रित करने के लिए तकनीक का सहारा लिया है. खास तकनीक के सहारा लिए जाने के पीछे भी वजह है और वो ये है कि इस महाकुंभ में 13 जनवरी से लेकर 26 फरवरी तक 450 मिलियन श्रद्धालुओं के आने की उम्मीद है.
ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट के मुताबिक, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक का कहना है कि पहली बार पुलिस डिपार्टमेंट खोए हुए लोगों का पता लगाने के लिए चेहरे की पहचान और AI का उपयोग करेंगे. राजेश द्विवेदी का कहना है कि भले ही ये तकनीक पूरी तरह से सुरक्षित नहीं है, लेकिन कुछ हद तक सही जा रहा है. उनका कहना है कि AI संचालित तकनीक बेहतर परिणाम दे सकती है.
कैसे AI लगाएगा गुमशुदा व्यक्ति का पता?
वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक ने बताया कि अधिक रोशनी वाली जगहों पर तो AI अच्छे से काम करता ही है, लेकिन महाकुंभ की भीड़ तो व्यवस्थित तरीके से चलेगी नहीं. इसलिए जब कोई रिश्तेदार किसी खोया पाया काउंटर पर किसी गुमशुदा व्यक्ति की रिपोर्ट करता है तो लापता व्यक्तियों की डिजिटल छवियां बनाने के लिए AI टूल का प्रयोग किया जाएगा. इस AI टूल का इस्तमाल हर कैमरो के माध्यम से किया जाएगा.
अचानक भीड़ बढ़ने पर अधिकारियों को कैसे मिलेगी सूचना
महाकुंभ में उपयोग की जा रही तकनीकों में RFID रिस्टबैंड (आपातकालीन संपर्क और मेडिकल रिकॉर्ड जैसे विवरण के साथ) और लोगों के लिए लाइव लोकेशन साझा करने के लिए एक मोबाइल एप भी शामिल है. भीड़ के जमा होने और अचानक भीड़ बढ़ने पर अधिकारियों को रियल टाइम सूचनाएं भेजकर भगदड़ को रोकने में मदद करने के लिए लगाए गए कैमरे.
ओला ने लॉन्च किया AI-संचालित चैटबॉट
ओला के भाविश अग्रवाल के बेंगलुरू स्थित स्टार्टअप क्रुट्रिम ने 11 भारतीय भाषाओं में AI-संचालित चैटबॉट लॉन्च किया है. वहीं गूगल इमरजेंसी सहायता के लिए सुविधाओं का पता लगाने में मदद करने के लिए AI मैप दे रहा है, जबकि फोन पे ने 99 रुपये से कम में आगंतुकों के लिए दुर्घटनाओं या आपात स्थितियों के लिए किफायती बीमा पेश किया है.
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