Congress Vs BJP: केंद्रीय मंत्री जी किशन रेड्डी ने तेलंगाना की कांग्रेस सरकार पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि उसने भारतीय क्रिकेट टीम की चैंपियंस ट्रॉफी-2025 जीत का जश्न मनाने की अनुमति नहीं दी. उन्होंने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर दो वीडियो शेयर किए, जिनमें पुलिसकर्मी युवाओं को डंडों से खदेड़ते नजर आ रहे हैं. रेड्डी ने इसे “शर्मनाक” करार देते हुए राज्य सरकार पर निशाना साधा. उन्होंने कहा कि ये कदम जनता के उत्साह को दबाने और लोकतांत्रिक अधिकारों का हनन करने जैसा है.
इस मुद्दे पर कांग्रेस के लोकसभा सांसद चामला किरण कुमार रेड्डी ने तीखी प्रतिक्रिया दी और किशन रेड्डी के आरोपों को पूरी तरह गलत बताया. उन्होंने कहा कि कांग्रेस सरकार ने किसी भी तरह से क्रिकेट प्रशंसकों को जश्न मनाने से नहीं रोका. उन्होंने दावा किया कि भाजपा नेता बिना वजह इस मामले को राजनीतिक रंग देने की कोशिश कर रहे हैं.
Hyderabad police used lathicharge in Dilsukhnagar to stop citizens from celebrating India’s Champions Trophy victory. Similar scenes were reported in Karimnagar as well. Is this the new playbook in Congress-ruled states? Who exactly are they trying to appease? Where are Indians… pic.twitter.com/z34BOHQd6C
— Amit Malviya (@amitmalviya) March 9, 2025
लाठीचार्ज पर पुलिस का पक्ष
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक रविवार (9 मार्च) रात दिलसुखनगर में क्रिकेट प्रशंसकों ने भारतीय टीम की जीत का जश्न मनाने के लिए सड़कों पर जुलूस निकाला, जिसके बाद पुलिस ने कथित तौर पर लाठीचार्ज किया. इस घटना के वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हुए. हालांकि पुलिस के सीनियर अधिकारी ने इन आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि कोई लाठीचार्ज नहीं हुआ बल्कि भीड़ को सिर्फ एंबुलेंस के लिए रास्ता देने के लिए तितर-बितर किया गया था.
अधिकारी ने बताया कि जश्न मना रहे लोग न सिर्फ सड़क पर जमा थे बल्कि उन्होंने दो एंबुलेंस के रास्ते को भी बाधित कर दिया था. जब पुलिस ने उन्हें हटने के लिए कहा तो उन्होंने अनदेखा किया, जिसके बाद हल्का बल प्रयोग कर भीड़ को हटाया गया. पुलिस का कहना है कि उनका उद्देश्य किसी को चोट पहुंचाना नहीं था बल्कि आपातकालीन वाहनों को रास्ता देना था.
राजनीतिक आरोप-प्रत्यारोप तेज
इस पूरे घटनाक्रम के बाद तेलंगाना में राजनीतिक बयानबाजी तेज हो गई है. भाजपा इसे जनता के अधिकारों के हनन के रूप में देख रही है जबकि कांग्रेस इसे गैर-जरूरी विवाद बता रही है. चुनावी माहौल में इस मुद्दे ने राजनीति को और गर्मा दिया है जिससे आने वाले दिनों में और भी प्रतिक्रियाएं सामने आ सकती हैं.