सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन (SCBA) के पूर्व अध्यक्ष आदिश अग्रवाला ने जजों की संपत्ति का ब्योरा सार्वजनिक करने के फैसले की सराहना की है. उन्होंने कहा कि उनको लगता है कि सुप्रीम कोर्ट के बाद हाईकोर्ट के जज भी ऐसा करेंगे. आदिश अग्रवाला ने कैश कांड के बाद से विवादों में घिरे जस्टिस यशवंत वर्मा को लेकर कहा है कि जांच पूरी होने के बाद मुख्य न्यायाधीश संजीव खन्ना (CJI Sanjiv Khanna) आपराधिक मुकदमा दर्ज करने का आदेश दे सकते हैं.
1 अप्रैल को सुप्रीम कोर्ट के जजों ने बैठक में फैसला लिया कि सभी 33 जज अपनी संपत्ति का ब्योरा सार्वजनिक करेंगे. न्यायपालिका में भ्रष्टाचार से जुड़ी चर्चाओं के बीच लोगों के विश्वास को बरकरार रखने के लिए जजों ने यह फैसला लिया है. आदिश अग्रवाला ने कहा कि यह बहुत ही स्वागत योग्य फैसला है, इससे लोगों में विश्वास बढ़ेगा. उन्होंने कहा कि यह भविष्य में बनने वाले सुप्रीम कोर्ट जजों पर भी लागू होगा.
बैठक में भी यह प्रस्ताव दिया गया कि भविष्य में सुप्रीम कोर्ट में नियुक्त होने वाले जजों पर भी इसको लागू किया जाए. जजों की संपत्ति की जानकारी मुख्य न्यायाधीश को दी जाती है, लेकिन उसको पब्लिक नहीं किया जाता है. इससे पहले 26 अगस्त 2009 को सुप्रीम कोर्ट के तत्कालीन जजों ने अपनी संपत्ति की जानकारी सार्वजनिक की थी.
उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के जजों की ओर से संपत्ति का ब्योरा दिए जाने के बाद उम्मीद है कि इसे देख कर हाई कोर्ट के जज भी ऐसा करेंगे. जस्टिस यशवंत वर्मा के खिलाफ चल रही इन हाउस जांच को लेकर आदिश अग्रवााल ने कहा कि जांच भी अगले कुछ दिनों में पूरी हो जाएगी. उन्होंने कहा, ‘मुझे लगता है कि इस जांच की रिपोर्ट आने के बाद चीफ जस्टिस संजीव खन्ना उनके खिलाफ आपराधिक मुकदमा दर्ज करने का भी आदेश देंगे.’
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