‘जब मनमोहन सिंह बोलते हैं, तब पूरी दुनिया सुनती है’, आखिर क्यों बराक ओबामा ने लिखा था ऐसा?

‘जब मनमोहन सिंह बोलते हैं, तब पूरी दुनिया सुनती है’, आखिर क्यों बराक ओबामा ने लिखा था ऐसा?


Manmohan Singh Death: भारत के पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने गुरुवार (26 दिसंबर) को दिल्ली के एम्स में आखिरी सांस ली. वो काफी लंबे वक्त से बीमार चल रहे थे. उनके जीवन और योगदान को याद करते हुए कई प्रमुख घटनाओं का जिक्र हो रहा है. इनमें से एक घटना अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति बराक ओबामा के संस्मरण से जुड़ी है. ओबामा ने अपनी पुस्तक “ए प्रॉमिस्ड लैंड” में डॉ. मनमोहन सिंह की खूब सराहना की थी. ओबामा ने पूर्व पीएम के बारे में कई सारी बातों का जिक्र किया था.

बराक ओबामा ने जून 2010 में कनाडा में हुए जी-20 सम्मेलन के दौरान डॉ. मनमोहन सिंह से मुलाकात के बाद कहा था, “जब मनमोहन सिंह बोलते हैं, तब पूरी दुनिया सुनती है.” नवंबर 2020 में प्रकाशित ओबामा की ए प्रॉमिस्ड लैंड पुस्तक में उनकी पहली भारत यात्रा और डॉ. मनमोहन सिंह के साथ हुई चर्चाओं को विशेष रूप से शामिल किया है.

ओबामा की किताब ‘ए प्रॉमिस्ड लैंड’ में मनमोहन सिंह का जिक्र
अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति बराक ओबामा द्वारा लिखा गया ए प्रॉमिस्ड लैंड किताब उनके राजनीतिक जीवन पर आधारित संस्मरण का पहला भाग है. इस किताब में नवंबर 2010 में भारत यात्रा के दौरान हुई घटनाओं और चर्चाओं को विस्तार से लिखा गया है. ओबामा ने डॉ. मनमोहन सिंह को भारत के आर्थिक बदलाव का मुख्य शिल्पकार बताया और उन्हें “बुद्धिमान, विचारशील, और निष्ठावान नेता कहा है

किस चीज को लेकर मनमोहन सिंह ने दी थी चेतावनी
बराक ओबामा के मुताबिक डॉ. मनमोहन सिंह ने भारत में बढ़ रही मुस्लिम विरोधी भावनाओं और उनके परिणामस्वरूप भारतीय जनता पार्टी (BJP) के बढ़ते प्रभाव पर चिंता व्यक्त की थी. डॉ. सिंह ने कहा था कि धार्मिक और जातीय एकता के आह्वान से अनिश्चित समय में लोगों को बहकाना आसान हो जाता है. राजनेताओं के लिए इसे अपने हित में इस्तेमाल करना मुश्किल नहीं होता, चाहे वो भारत हो या दुनिया के किसी और हिस्से में. ओबामा ने इस पर सहमति जताते हुए यूरोप में लोकतंत्र और उदारवाद की चुनौतियों का जिक्र किया.

पाकिस्तान और 26/11 के हमलों पर चर्चा
डॉ. मनमोहन सिंह ने ओबामा से पाकिस्तान के साथ भारत के संबंधों पर भी बात की. उन्होंने परमाणु हथियार संपन्न पड़ोसी देश के साथ बढ़ते तनाव पर अपनी चिंता साझा की. ओबामा ने लिखा है कि 2008 में मुंबई आतंकवादी हमलों के बाद भारत-पाक संबंध और अधिक तनावपूर्ण हो गए थे. ओबामा के अनुसार, डॉ. सिंह ने यह भी बताया कि पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी के लश्कर-ए-तैयबा जैसे आतंकी संगठनों से जुड़े होने के आरोपों के कारण द्विपक्षीय संबंध सुधारने में मुश्किलें आ रही थीं.

डॉ. मनमोहन सिंह का योगदान और वैश्विक दृष्टिकोण
बराक ओबामा ने डॉ. सिंह को भारत के आर्थिक विकास का एक प्रमुख वास्तुकार बताया. उन्होंने लिखा कि वैश्वीकरण और आर्थिक संकट के प्रभावों को डॉ. सिंह गहराई से समझते थे. उनकी सोच न केवल भारत तक सीमित थी, बल्कि वैश्विक राजनीति और अर्थव्यवस्था पर भी गहरी पकड़ थी.

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