जयशंकर ने खोली पाकिस्तान की पोल, बताया अल्पसंख्यकों पर हिंसा का आंकड़ा तो भड़की शहबाज सरकार

जयशंकर ने खोली पाकिस्तान की पोल, बताया अल्पसंख्यकों पर हिंसा का आंकड़ा तो भड़की शहबाज सरकार


Jaishankar on Minorities in Pakistan : भारत के विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने पाकिस्तान के अल्पसंख्यकों के बारे में एक बयान दिया है. जयशंकर के इस बयान के बाद पाकिस्तान की शहबाज शरीफ की सरकार पूरी तरह से बौखला गई. पाकिस्तान की ये बौखलाहट उसके विदेश मंत्रालय की ओर से जारी बयान से साफ झलक रही है. यहां तक कि पाकिस्तान ने उल्टे भारत को ही हिदायत देते हुए ये कहा कि भारत को उसके अल्पसंख्यकों के बारे में बोलने का कोई अधिकार नहीं है.

एस. जयशंकर ने पाकिस्तान को क्या कहा था?

भारत के विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने शुक्रवार (28 मार्च) को लोकसभा में प्रश्नकाल के दौरान पूछे गए एक सवाल का जवाब देते हुए पाकिस्तान में अल्पसंख्यकों पर हो रहे अत्याचार और अभद्र व्यवहार को लेकर पड़ोसी देश की आलोचना की थी. उन्होंने कहा, “भारत पाकिस्तान के अंदर अल्पसंख्यकों के साथ हो रहे अत्याचार पर करीब से नजर रख रही है. संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद में भारत के प्रतिनिधि ने बताया कि पाकिस्तान एक ऐसा देश हैं जहां, मानवाधिकारों का हनन, अल्पसंख्यकों का उत्पीड़न और लोकतांत्रिक मूल्यों के व्यवस्थित क्षरण राज्य की नीतियां होती है. इसके अलावा पाकिस्तान में संयुक्त राष्ट्र के घोषित आतंकवादियों तक को अपने देश में पनाह देता है.”

जयशंकर के बयान के बाद बोला पाकिस्तान

भारत के लोकसभा में विदेश मंत्री एस. जयशंकर के बयान पर पाकिस्तान बौखला गया. इसके बाद पाकिस्तानी विदेश मंत्री ने शनिवार (29 मार्च) को एक बयान किया. पाकिस्तान विदेश मंत्रालय ने अपने बयान में कहा, “भारत के पास अल्पसंख्यकों के अधिकारों पर ज्ञान देने का कोई नैतिक आधार नहीं है. भारत में CAA से लेकर मॉब लिचिंग, बाबरी मस्जिद के विध्वंस से लेकर दिल्ली में हुए नरसंहार तक अल्पसंख्यकों, इसमें विशेषकर मुस्लिम समुदाय, का व्यवस्थित उत्पीड़न जारी है. तो भारत को दूसरों के घर में अल्पसंख्यकों की चिंता करने के बजाए अपनी विफलताओं पर ध्यान देना चाहिए.”

अमेरिकी आयोग ने भी पाकिस्तान को लेकर जताई चिंता

अमेरिका के अंतरराष्ट्रीय धार्मिक स्वतंत्रता आयोग (USCIRF) ने भी अपनी रिपोर्ट में पाकिस्तान में अल्पसंख्यकों पर हो रही हिंसा को लेकर चिंता जताई थी.



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