जहां सेना के 120 जवानों ने PAK की रेजिमेंट को नाकों चने चबाए, उसी लोंगेवाला पहुंचे आर्मी चीफ

जहां सेना के 120 जवानों ने PAK की रेजिमेंट को नाकों चने चबाए, उसी लोंगेवाला पहुंचे आर्मी चीफ


Army Chief at Longewala: आर्मी चीफ जनरल उपेंद्र द्विवेदी ने सोमवार (19 मई, 2025) को राजस्थान में अग्रिम इलाका लोंगेवाला का दौरा किया और जवानों से बातचीत की. आर्मी चीफ ने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ की सफलता में उनकी भूमिका के लिए बधाई दी. 

अधिकारियों ने बताया कि जनरल द्विवेदी ने भारतीय वायुसेना और सीमा सुरक्षा बल (BSF) के साथ समन्वय में की गई संयुक्त कार्रवाइयों की भी समीक्षा की. उन्होंने बताया कि ऑपरेशन सिंदूर के दौरान थलसेना, वायुसेना और BSF की संयुक्त कार्रवाइयों ने न केवल दुश्मन के मंसूबों पर पानी फेर दिया बल्कि पश्चिमी मोर्चे पर अभियानगत प्रभुत्व बनाए रखने में एक ‘न्यू नॉर्मल’ भी स्थापित किया.

पश्चिमी मोर्चे पर पाकिस्तानी सेना के हमले हुए थे, जिसमें पहलगाम हमले के जवाब में 7 मई की सुबह भारत द्वारा की गई रणनीतिक कार्रवाई के बाद भारतीय वायु क्षेत्र में पाकिस्तान की ओर से किए गए ड्रोन हमले भी शामिल हैं. एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि ऑपरेशन सिंदूर के तहत सेना ने वायुसेना और BSF के साथ करीबी समन्वय में, निगरानी के लिए साजो सामान और वायु रक्षा प्रणालियों की तेजी से तैनाती की.

आर्मी चीफ ने बढ़ाया जवानों का हौसला

सैन्य प्रवक्ता लेफ्टिनेंट कर्नल निखिल धवन ने बताया कि कोणार्क कोर के सैनिकों के साथ बातचीत में सेना प्रमुख ने अंतरराष्ट्रीय सीमा की रक्षा में उनकी वीरता, अटूट प्रतिबद्धता और दृढ़ निश्चय की सराहना करते हुए ‘शाबाश’ कहा. अधिकारी ने बताया कि जनरल द्विवेदी ने सैनिकों की सतर्कतापूर्ण कार्रवाइयों के लिए प्रशंसा की, जिनमें ‘दुश्मन के ड्रोन घुसपैठ को सफलतापूर्वक निष्प्रभावी करना’ भी शामिल है, जिससे रेगिस्तान में दुश्मन द्वारा किसी भी दुस्साहस को प्रभावी ढंग से रोका जा सका.

सेना के लिए ऐतिहासिक है लोंगेवाला

आर्मी चीफ ने जिस जगह को दौरे के लिए चुना है, वो काफी ऐतिहासिक है. दरअसल भारतीय सेना की लोंगेवाला में 1971 की पाकिस्तान से लड़ाई की दिलेर भरी कहानी है. 4 दिसंबर 1971 की रात को पाकिस्तान की बड़ी टैंक रेजिमेंट ने लोंगेवाला पोस्ट पर हमला किया. वहां मेजर कुलदीप सिंह चांदपुरी की कमान में केवल 120 जवान मौजूद थे. पाकिस्‍तान का इरादा यहां से भारत में दाखिल होकर एक दिन में दिल्‍ली तक चढ़ाई करने का था. पाक सेना में दो हजार से ज्यादा जवान थे. इसके बाद भी भारतीय सेना ने दुश्मन को पूरी रात रोके रखा और अगली सुबह भारतीय एयरफोर्स ने पाकिस्तान की सेना को खदेड़ दिया. 

 



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