‘जिसकी मांग में सिंदूर भरा था…’, मोरारी बापू पर क्यों भड़क गए शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद?

‘जिसकी मांग में सिंदूर भरा था…’, मोरारी बापू पर क्यों भड़क गए शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद?


Swami Avimukteshwaranand: शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद ने कथावाचक मोरारी बापू पर निशाना साधा है. पत्नी के निधन के तीन दिन बाद सूतक काल में रामकथा का वाचन करने काशी पहुंचे मोरारी बापू को खूब ट्रोल किया जाने लगा, जिसके बाद उन्होंने माफी भी मांग ली. अविमुक्तेश्वरानंद ने कहा, “मोरारी बापू सिंदूर कथा कह रहे हैं. वे सिंदूर शब्द का उपयोग कर रहे हैं और जिसकी मांग में सिंदूर भरा था अभी तीन दिन हुए उसकी मुत्यु हुए. कम से कम 10 दिन रुक जाते सिंदूर का मान रख लेते.”

अविमुक्तेश्वरानंद ने केंद्र सरकार पर उठाए सवाल

स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद ने केंद्र की मोदी सरकार पर फिर से निशाना साधा है. उन्होंने आरोप लगाया कि 11 साल बाद भी भारत वही पुरानी जगह पर खड़ा है. उन्होंने कहा, “जब नरेंद्र मोदी पहली बार प्रधानमंत्री बने थे तो उन्होंने भारत के चारों तरफ के पड़ोसी देश को बड़े सम्मान से बुलाया था. ऐसा लगा था कि भारत अब अपने पड़ोसियों के साथ एक बहुत बड़ी शक्ति बन जाएगा, लेकिन  11 साल के बाद भी हम वहीं खडे़ हैं.”

‘मालदीव जैसा देश भी भारत को दिखा रहा आंख’

स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद ने कहा, “मालदीव जो कि अलग देश केवल नाम के लिए था भारत के साथ सदा से अच्छा व्यवहार था, लेकिन वो भी अब भारत को आंखें दिखाने लगा है. ऑपरेशन सिंदूर की सफलता का डंका पूरी दुनिया में बजा दिया. खुद से डंका नहीं बजाया जाता. अगर हम अपने बारे में खुद कहें कि मैं पराक्रमी, प्रतापी, वीर और तोप हूं तो इसका मतलब बहुत हंसी की बात हो जाती है.

विदेश नीति में आ चुकी है बड़ी कमजोरी- अविमुक्तेश्वरानंद 

न्यूज तक से बात करते हुए अविमुक्तेश्वरानंद ने कहा, “सच्चाई ये है कि विदेश नीति में बहुत बड़ी कमजोरी आ चुकी है. सिंदूर की बात करने वाले क्या सिंदूर का मान रखे हुए हैं.” पीएम मोदी पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा, “आपने जिसकी मांग में सिंदूर भरा उसके साथ क्या व्यवहार किया? क्या आपका दायित्व नहीं है जब आप अपने चुनाव घोषणा पत्र में लिखते हैं कि यह मेरी पत्नी है तो पत्नी का उसका रुतबा कैसे उससे छीन सकते हैं? क्यों वह प्रधानमंत्री जी के भवन में नहीं हैं जबकि उनका हक है.”



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