जिस पाकिस्तान की मदद के लिए आगे आया था चीन, अब कोर्ट में उसी के खिलाफ की है अपील

जिस पाकिस्तान की मदद के लिए आगे आया था चीन, अब कोर्ट में उसी के खिलाफ की है अपील


Chinese Investors Sindh High Court: चीन के जिगरी कहे जाने वाले पाकिस्तान में चीनी कारोबारियों ने बड़ी तादाद में निवेश किया है, लेकिन पाकिस्तान में चीनी कारोबारियों से पाकिस्तान के प्रमुख शहरों में से एक कराची में रिश्वत मांगी जा रही है. कराची में 6 चीनी निवेशकों ने पुलिस के खिलाफ उत्पीड़न और जबरन वसूली का आरोप लगाते हुए सिंध उच्च न्यायालय में याचिका दायर की है. चीनी निवेशकों ने पुलिस की रिश्वतखोरी की संस्कृति पर निराशा व्यक्त की है. उन्होंने कहा कि अगर यही हाल रहा तो वह वापस अपने देश लौट जाएंगे और फिर लाहौर में हीं अपना ध्यान केंद्रित करेंगे. चीनी निवेशकों ने सिंध हाई कोर्ट से इस मामले में दखल देने का अनुरोध किया है.

पाकिस्तानी की जियो न्यूज की रिपोर्ट के मुताबिक, चीनी निवेशकों ने कहा कि एयरपोर्ट से लेकर घर तक पुलिस बार-बार रिश्वत मांग रही है. उन्होंने यह भी कहा कि उन्हें आजादी से घूमने और व्यावसायिक बैठकें करने से भी रोका जा रहा है. चीनी निवेशकों की अपील पर सिंध हाई कोर्ट ने आईजी पुलिस को नोटिस जारी कर 4 हफ्तों में जवाब मांगा है. बता दें कि कराची में चीनी निवेशकों के साथ ये घटनाक्रम ऐसे समय पर हुआ है, जब सिंध प्रांत की सरकार ने चीनी निवेशकों को पूर्ण सुरक्षा देने का वादा किया हुआ है.

कराची में बिगड़ती कानून व्यवस्था बनी बड़ा मुद्दा

चीन के 6 निवेशकों ने कराची में बिगड़ती कानून व्यवस्था की ओर इशारा करते हुए सिंध हाई कोर्ट में शुक्रवार (24 जनवरी) को याचिका दायर की है. याचिका में निवेशकों ने आरोप लगाया है कि कराची पुलिस बिना पैसे कोई काम नहीं करना चाहती है. हमें बुलेटप्रूफ गाड़ियों के नाम पर एयरपोर्ट पर घंटों तक इंतजार करवाया जाता है. रिश्वत मिलने के बाद पुलिस हमें सुरक्षा और गाड़ियां मुहैया कराते हैं. निवेशकों ने कहा कि हमें व्यावसायिक बैठकों में जाने से रोका जाता है, इससे हमारा व्यवसाय प्रभावित हो रहा है.

राष्ट्रपति ने चीनी निवेशकों को पूरा समर्थन देने का किया है वादा

सिंध के वरिष्ठ मंत्री शरजील इनाम मेमन ने बीते महीने एक कार्यक्रम में कहा था, “संघीय और प्रांतीय सरकारें विदेशी निवेशकों का स्वागत करती हैं.” उन्होंने कहा था कि राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी ने सिंध सरकार की ओर से चीनी निवेशकों को पूरा समर्थन देने का वादा किया है. हालांकि उनके वादे के बावजूद चीनी निवेशकों को ऐसे मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है.

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