GST Rate Cut: उपभोग के सामान बनाने वाली कंपनियों (एफएमसीजी) ने टैक्स अधिकारियों को साफ कर दिया है कि वे लोकप्रिय कम कीमत वाले उत्पादों पर दाम में कटौती नहीं करेंगी. इनमें 5 रुपये का बिस्किट, 10 रुपये का साबुन और 20 रुपये का टूथपेस्ट जैसे उत्पाद शामिल हैं. जबकि इन पर टैक्स दर में कटौती हुई है, जिसके बाद इनके दाम कम होने चाहिए थे.
दाम कम करने को नहीं तैयार एफएमसीजी कंपनियां
कंपनियों का तर्क है कि उपभोक्ता इन सामानों को फिक्स्ड प्राइस पर खरीदने के आदी हैं. अगर इनकी कीमतें घटाकर 9 रुपये या 18 रुपये कर दी जाएं तो उपभोक्ताओं में कन्फ्यूजन पैदा होगा और लेन-देन में असुविधा होगी.
इसके बजाय कंपनियों ने सेंट्रल बोर्ड ऑफ इनडायरेक्ट टैक्सेज एंड कस्टम्स (CBIC) को सुझाव दिया है कि वे कीमत जस की तस रखेंगी, लेकिन पैकेट में क्वांटिटी बढ़ा देंगी. यानी अब अगर कोई ग्राहक 20 रुपये का बिस्किट खरीदेगा, तो उसे पहले से ज्यादा मात्रा मिलेगी.
रिपोर्ट के मुताबिक, कई बड़े एफएमसीजी कंपनियों के एग्जीक्यूटिव्स ने कहा कि उसी कीमत में ज्यादा क्वांटिटी देने से उपभोक्ताओं तक कम हुई जीएसटी का फायदा बिना किसी दिक्कत के पहुंच जाएगा.
कंपनियां फायदा आगे देने को तैयार?
बिकाजी फूड्स के सीएफओ रिषभ जैन ने पुष्टि की कि कंपनी छोटे पैकेट्स का वजन बढ़ाएगी ताकि उपभोक्ता को ज्यादा वैल्यू मिल सके. वहीं, डाबर के सीईओ मोहित मल्होत्रा ने कहा कि उनकी कंपनी भी निश्चित रूप से जीएसटी कटौती का लाभ उपभोक्ताओं को देगी. उन्होंने आगे कहा कि कम टैक्स से हर प्रोडक्ट की मांग में इजाफा होने की संभावना है.
हालांकि, वित्त मंत्रालय के अधिकारियों का कहना है कि पूरे मामले पर वे करीबी नजर रख रहे हैं. रिपोर्ट में आगे कहा गया है कि मंत्रालय की तरफ से गाइडलाइंस जारी करने पर भी विचार किया जा रहा है ताकि सही मायने में लोगों तक उसका फायदा पहुंच सके न कि ऐसी कंपनियां मुनाफे अपनी जेब में रख ले.
ये भी पढ़ें: ट्रंप की इकोनॉमिक पॉलिसी अमेरिका की ही निकाल देगी जान, पूर्व RBI गवर्नर का बड़ा दावा