कनाडा में खालिस्तान समर्थकों की ओर से एक खोजी पत्रकार को धमकाने का मामला सामने आया है. खोजी पत्रकार मोचा बेजिरगन ने बताया कि वैंकूवर शहर में साप्ताहिक रैली के दौरान वीडियो बनाते समय उन लोगों ने उन्हें घेर लिया.
न्यूज़ एजेंसी एएनआई से रविवार (8 जून, 2025) को फोन पर बात करते हुए बेजिरगन ने बताया कि खालिस्तान समर्थकों ने उन्हें डराया, धमकाया और कुछ देर के लिए उनका फोन भी छीन लिया.
‘मैं अभी भी कांप रहा हूं’
बेजिरगन ने कहा कि अभी सिर्फ दो घंटे पहले ही मेरे साथ ये घटना हुई है और मैं अभी भी कांप रहा हूं. उन्होंने गुंडों की तरह व्यवहार किया. मेरे पीछे पड़ गए और मेरा फोन छीन लिया. उन्होंने मुझे रिकॉर्डिंग करने से रोकने की कोशिश की.
‘जी-7 में भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की राजनीति खत्म कर देंगे’
एएनआई से बात करते हुए बेजिरगन ने कहा कि कनाडा और भारत के बीच तनाव का कारण राजनीतिक विषय है, लेकिन मुझे लगता है कि भूमिगत रूप से यहां जो कुछ हो रहा है, हम उसे अनदेखा कर रहे हैं. ये लोग क्या कह रहे हैं, कैसे वे अपनी अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का प्रयोग कर रहे हैं, जबकि वे इंदिरा गांधी के हत्यारों का जश्न मना रहे हैं और कह रहे हैं कि वे जी-7 में भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की राजनीति खत्म कर देंगे.
#WATCH | Vancouver, Canada: On being asked about Khalistani extremism, Canadian Investigative Journalist Mocha Bezirgan, says “…Because of the tensions between Canada and India, it’s a very highly political subject, but I feel like we are disregarding what’s happening… https://t.co/bS12wtgGf6 pic.twitter.com/7vqkneMA1u
— ANI (@ANI) June 8, 2025
उन्होंने कहा कि जब मैंने उनसे (खालिस्तान समर्थकों) से पूछा कि क्या आप उनकी राजनीति को उसी तरह खत्म करने जा रहे हैं, जिस तरह आपने इंदिरा गांधी की राजनीति को खत्म किया था? क्योंकि वे हत्यारों को अपने पूर्वज बताते हैं. वे कहते हैं कि हम इंदिरा गांधी के हत्यारों के वंशज हैं और वे हिंसा के इन कृत्यों का महिमामंडन कर रहे हैं.
कनाडा, अमेरिका, ब्रिटेन और न्यूजीलैंड में खालिस्तानी प्रदर्शनों का दस्तावेजीकरण करने वाले बेजिरगन ने कहा कि रविवार को उन्हें डराने धमकाने वाली भीड़ का नेतृत्व एक आंदोलनकारी कर रहा था, जो उन्हें पहले भी ऑनलाइन परेशान कर चुका है.
खोजी पत्रकार मोचा बेजिरगन ने कहा कि अचानक दो या तीन लोग मेरे सामने आ गए. मैंने अपने फोन पर बैकअप रिकॉर्डिंग शुरू की, तभी उनमें से एक ने मेरे हाथ से फोन छीन लिया. पास में मौजूद वैंकूवर के पुलिस अधिकारियों ने बीच बचाव किया और उन्हें पीछे हटने का आदेश दिया. बेजिरगन ने बाद में एक बयान भी दर्ज कराया है.
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