India-Pakistan Military Comparison: पहलगाम नरसंहार के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच जबरदस्त तनाव है. देश में आवाज उठ रही है कि पहलगाम में मारे गए 26 मासूम पर्यटकों की मौत का बदला लिया जाए. पूरी दुनिया टकटकी लगाए बैठी है कि अगर भारत और पाकिस्तान में फुल-स्केल वॉर यानी युद्ध हुआ तो अंजाम क्या होगा. क्या भारतीय सेना पाकिस्तान के गैर-कानूनी कब्जे वाले कश्मीर यानी पीओके पर कब्जा कर लेगा.
पीओके पर भारत का कब्जा इसलिए तय लगता है, क्योंकि हाल ही में ग्लोबल फायरपावर इंडेक्स ने जो अपनी रिपोर्ट जारी की थी, उसमें भारत को दुनिया की चौथी सबसे बड़ी मिलिट्री पावर करार दिया था, जबकि पाकिस्तान टॉप-10 देशों की श्रेणी में दूर-दूर तक कहीं नहीं था. ग्लोबल फायरपावर इंडेक्स में पाकिस्तानी सेना 12वें स्थान पर थी, यानी भारत से आठ कदम नीचे.
भारतीय सेना का पलड़ा भारी
करीब 14 लाख सैनिकों वाली भारतीय सेना (थल सेना, वायुसेना और नौसेना) से महज तीन देशों की सेनाएं ही आगे हैं. ये तीन देश हैं अमेरिका, रूस और चीन. जबकि पाकिस्तान की सेना की संख्या है महज साढ़े छह लाख (6.50 लाख). इसके अलावा भारत की रिजर्व फोर्स की संख्या है साढ़े ग्यारह लाख (11.50 लाख). पाकिस्तान के भी रिजर्व सैनिकों की संख्या भी भारत से आधी है यानी साढ़े पांच लाख (5.50 लाख).
भारत के रक्षा बजट के आगे बौना है पाकिस्तान
ग्लोबल फायर पावर की रिपोर्ट में दुनियाभर के 145 देशों की सेनाओं की ताकत का इंडेक्स तैयार किया गया है. इस इंडेक्स को हर देश के सैनिकों की संख्या, रक्षा बजट और तकनीकी रूप से सक्षम हथियारों और दूसरे सैन्य उपकरणों पर आधारित है. जहां भारत का रक्षा बजट इस साल (2025-26) 6.81 लाख करोड़ है तो पाकिस्तान के टैंक चलाने तक के लिए तेल नहीं है. भारतीय सेना के पास जहां इस वक्त चार हजार से ज्यादा (4201) टी-90, टी-72 और अर्जुन मैन बैटल टैंक हैं तो पाकिस्तान के पास लगभग आधे 2627 हैं. भारतीय सेना के पास करीब चार हजार तोप हैं तो पाकिस्तान के पास 2629 हैं.
भारत के आर्मर्ड पर्सनल कैरियर
भारत के पास करीब डेढ़ लाख आर्मर्ड पर्सनल कैरियर (व्हीकल्स) हैं तो पाकिस्तान के पास महज इनकी संख्या 17,516 हैं. पाकिस्तानी सेना की अधिकतर बटालियन अभी भी इन्फेंट्री यानी पैदल सैनिक वाली हैं. एयर पावर की बात करें तो भारतीय वायुसेना के पास राफेल, सुखोई, मिग-29, मिराज और जगुआर सहित कुल 513 फाइटर जेट हैं. पाकिस्तान के पास हैं अमेरिका से लिए एफ-16 और चीन की मदद से तैयार किए गए जेएफ-17 सहित कुल 328 लड़ाकू विमान हैं. कुल मिलिट्री एयरक्राफ्ट (ट्रांसपोर्ट विमान और हेलीकॉप्टर) की बात करें तो भारत के पास उनकी संख्या है 2229. पाकिस्तान के पास मिलिट्री ट्रांसपोर्ट की संख्या है 1399. अटैक हेलीकॉप्टर की संख्या पर गौर करें तो भारत के पास हैं 80 जबकि पाकिस्तान के पास हैं 57.
भारतीय नौसेना की ताकत के सामने फिसड्डी पाकिस्तान
समुद्री ताकत की बात करें तो भारतीय नौसेना के पास इस वक्त करीब 300 जंगी जहाज और 18 पनडुब्बियां हैं. भारत के पास इस वक्त दो-दो एयरक्राफ्ट कैरियर हैं. आईएनएस विक्रमादित्य को भारत ने रूस से वर्ष 2013 में खरीदा था तो वर्ष 2022 में भारत ने अपना स्वदेशी विमानवाहक युद्धपोत आईएनएस विक्रांत तैयार किया था. इन दोनों एयरक्राफ्ट कैरियर पर रूस से लिए बेहद घातक मिग-29के फाइटर जेट, कामोव टोही हेलीकॉप्टर और अमेरिका से हाल ही में लिए एमएच-60आर (रोमियो) अटैक हेलीकॉप्टर तैनात रहते हैं. अगले कुछ दिनों में फ्रांस से 26 राफेल फाइटर जेट के मरीन वर्जन का करार भारत करने जा रहा है. हालांकि, इन्हें भारत आने में अभी थोड़ा वक्त लग सकता है.
पाकिस्तानी नौसेना के जंगी बेड़े में महज 121 युद्धपोत हैं. पाकिस्तान के पास पुरानी पड़ चुकीं 08 पनडुब्बियां हैं. हाल ही में पाकिस्तान ने चीन से आठ नई पनडुब्बियां का करार किया है. पाकिस्तानी नौसेना के पास फिलहाल कोई एयरक्राफ्ट कैरियर नहीं है.
पाकिस्तान ने फायरिंग ड्रिल शुरु की
24-25 अप्रैल को जब पाकिस्तान ने अपनी समुद्री सीमा में फायरिंग ड्रिल शुरु की तो भारतीय नौसेना ने तुरंत अपने कैरियर बैटल ग्रुप को कारवार बेस से अरब सागर की तरफ कूच कर दिया. इस सीबीजी में आईएनएस विक्रांत के साथ डेस्ट्रोयर और फ्रिगेट (युद्धपोत) थे तो समुद्र के नीचे से दुश्मन की हर हरकत पर नजर रखने वाली पनडुब्बी भी थी.
न्यूक्लियर हथियारों में भारत आगे
परमाणु हथियारों के बल पर कूदने वाला पाकिस्तान न्यूक्लियर डोमेन में भी भारत से पीछे है. ग्लोबल थिंक टैंक सिपरी (स्टॉकहोम इंटरनेशनल पीस रिसर्च इंस्टीट्यूट) की ताजा रिपोर्ट (2024 रिपोर्ट) के मुताबिक, भारत के पास इस वक्त 172 परमाणु हथियार हैं, जबकि पाकिस्तान के पास हैं 170. पिछले कुछ सालों तक पाकिस्तान के परमाणु हथियारों की संख्या भारत से ज्यादा थी, लेकिन इस साल भारत ने पाकिस्तान को इस डोमेन में भी पीछे छोड़ दिया है.
भारत का न्यूक्लियर-ट्रायड मजबूत
आज भारत का न्यूक्लियर-ट्रायड यानी जल, थल और आकाश, तीनों में भारत के पास परमाणु हथियार दागने की क्षमता है. भारत के पास आज अग्नि और सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल ब्रह्मोस हैं, जो चंद सेकंड में दुनिया के किसी भी कोने में पहुंच सकती हैं. सामरिक एक्सपर्ट मानते हैं कि युद्ध के दौरान हथियारों के साथ-साथ सैनिकों का मनोबल, टेक्नोलॉजी और युद्ध को लंबा खींचने के लिए जरूरी बजट बेहद जरूरी है. साथ ही युद्ध के दौरान गोला-बारूद मुहैया कराने के लिए कितने देश आपकी मदद कर सकते हैं, ये भी बेहद महत्वपूर्ण माना जाता है.
कूटनीतिक रूप से कितने देश आपके उद्देश्य को समर्थन करते हैं, ये भी युद्ध में निर्णायक भूमिका निभाता है. साथ ही युद्ध के दौरान होल-नेशन अप्रोच भी बेहद जरूरी होती है यानी आपके देशवासी कितना युद्ध का समर्थन करते हैं, बेहद अहम हो जाता है. इसके अलावा रूस-यूक्रेन युद्ध में साफ हो चुका है कि बूट्स ऑन ग्राउंड और हथियारों के साथ-साथ इंफोर्मेशन वॉरफेयर भी युद्ध का रुख बदल सकता है.