ट्रंप का एक और बड़ा ऐलान- विदेश में बनने वाली गाड़ियों पर लगेगा 25 फीसदी टैरिफ

ट्रंप का एक और बड़ा ऐलान- विदेश में बनने वाली गाड़ियों पर लगेगा 25 फीसदी टैरिफ


US Donald Trump Tariff On Vehicles: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने बुधवार (26 मार्च) को घोषणा की है कि उन सभी वाहनों पर 25 प्रतिशत टैरिफ लगाया जाएगा जो संयुक्त राज्य अमेरिका में निर्मित नहीं हैं. व्हाइट हाउस ने इस घोषणा की पुष्टि करते हुए कहा कि यह कदम 2 अप्रैल से लागू होगा.

ट्रंप ने व्हाइट हाउस में अपनी घोषणा के दौरान कहा, “हम उन सभी कारों पर 25 प्रतिशत टैरिफ लगाने जा रहे हैं जो संयुक्त राज्य अमेरिका में नहीं बनी हैं.” यह नई टैरिफ नीति न केवल विदेशों में बनने वाले कारों पर लागू होगी, बल्कि लाइट वेट ट्रकों पर भी इसका असर पड़ेगा.

मौजूदा टैरिफ के साथ नया टैरिफ
यह टैरिफ नीति मौजूदा टैरिफ के अतिरिक्त लागू की जाएगी. वर्तमान में, अमेरिकी अंतर्राष्ट्रीय व्यापार आयोग (USITC) के अनुसार, अधिकांश देशों से आने वाले यात्री वाहनों पर 2.5 फीसदी की टैरिफ दर लागू थी. वहीं, ट्रकों पर “चिकन टैक्स” के नाम से 1960 के दशक से 25 फीसदी का टैरिफ लागू था.

अमेरिकी वाहन उद्योग पर असर
इस घोषणा के तुरंत बाद, अमेरिकी वाहन निर्माताओं के शेयरों में गिरावट देखी गई. फोर्ड मोटर्स के शेयर में 1.8 प्रतिशत और जनरल मोटर्स के शेयर में 1.9 फीसदी की गिरावट आई. इस टैरिफ नीति का प्रभाव अमेरिका के ऑटोमोबाइल इंडस्ट्रिज के साथ-साथ ग्लोबल वेहिक्ल मैनुफैक्चरों पर भी पड़ने की संभावना है, जो अपने वाहनों का उत्पादन अन्य देशों में करते हैं और उन्हें अमेरिकी बाजार में निर्यात करते हैं.

अन्य उद्योगों पर भी नजर
ऑटोमोबाइल उद्योग के अलावा, ट्रंप प्रशासन फार्मास्यूटिकल्स, सेमीकंडक्टर और अन्य क्षेत्रों पर भी विशिष्ट टैरिफ लगाने पर विचार कर रहा है. इस कदम का उद्देश्य अमेरिकी उद्योगों को वैश्विक प्रतिस्पर्धा से सुरक्षा प्रदान करना और अमेरिकी बाजार में घरेलू उत्पादन को बढ़ावा देना है.

व्यापारिक संबंधों पर संभावित प्रभाव
यह टैरिफ नीति अमेरिका के उन व्यापारिक साझेदारों के साथ संबंधों को भी प्रभावित कर सकती है, जिनके वाहन निर्माता अमेरिकी बाजार में बड़ा हिस्सा रखते हैं. इसके अलावा, यह कदम अमेरिकी उपभोक्ताओं के लिए वाहनों की कीमतों में बढ़ोतरी ला सकता है, क्योंकि विदेशी निर्माताओं की तरफ से आयात किए गए वाहनों पर उच्च टैरिफ से उनका प्रोडक्शन और एक्पोर्ट महंगा हो जाएगा.



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