Trump Tariff Impact: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की ओर से ग्लोबल ट्रेड पर आक्रामक टैरिफ पालिसी को लागू करने से व्यापार युद्ध की आशंका बढ़ गई है. अमेरिका ने चीन, कनाडा, मैक्सिको और यूरोपीय संघ से इम्पोर्टेड प्रोडक्ट्स पर भारी टैरिफ बढ़ाने की घोषणा की है, जिससे इन देशों ने भी घोषणा की है कि वे अमेरिका पर भी प्रतिशोधी टैरिफ लगाएंगे.
इस वैश्विक व्यापारिक अशांति के बीच भारत अब तक शांत बना हुआ है, लेकिन यह स्थिति कब तक बनी रहेगी? भारत पर भी अमेरिकी व्यापार नीतियों का असर पड़ सकता है, खासकर एल्युमीनियम, स्टील, ऑटोमोबाइल, फार्मास्यूटिकल्स और कृषि उत्पादों के निर्यात पर.
ट्रंप के टैरिफ – वैश्विक व्यापार पर असर
चीन पर मौजूदा टैरिफ 10% से बढ़कर 25% हुआ.
कनाडा और मैक्सिको से आयातित स्टील पर 25% टैरिफ लागू.
यूरोपीय संघ के उत्पादों पर भी 25% शुल्क लगाने की योजना.
कनाडा ने जवाबी कदम उठाते हुए अमेरिकी उत्पादों पर 25% टैरिफ की घोषणा की. चीन ने भी अमेरिकी कृषि उत्पादों पर प्रतिबंध लगाने की चेतावनी दी. वहीं, यूरोपीय संघ भी अमेरिका के खिलाफ व्यापारिक कार्रवाई की तैयारी कर रहा है.
क्या भारत इस टैरिफ वार से बच सकता है?
दरअसल, भारत अभी तक ट्रंप के टैरिफ हमलों से बचा हुआ है, लेकिन यह स्थिरता अधिक समय तक बनी नहीं रह सकती. भारत का ट्रेड बैलेंस अमेरिका के साथ तुलनात्मक रूप से कम विवादों में रहा है. अमेरिकी कंपनियों के लिए भारत महत्वपूर्ण बाजार है, जिससे व्यापार पर आक्रामक नीतियां लागू नहीं हुई हैं. भारत के कृषि उत्पाद और IT सेक्टर पर फिलहाल कोई बड़ा खतरा नहीं दिख रहा, लेकिन अप्रैल 2025 से यह बदल सकता है. ट्रंप ने भारत सहित कई देशों पर “पारस्परिक टैरिफ” (Reciprocal Tariffs) लगाने की घोषणा की है. बता दें कि भारतीय अधिकारी अमेरिकी टैरिफ से बचने के लिए कई रणनीतियों पर काम कर रहे हैं.
टैरिफ कटौती पर चर्चा
भारत ऑटोमोबाइल, फार्मास्यूटिकल्स, कृषि उत्पादों, रसायनों और इलेक्ट्रॉनिक्स पर टैरिफ कम करने की योजना बना रहा है. हाई-एंड मोटरसाइकिल और बॉर्बन व्हिस्की पर पहले ही टैरिफ 50% से घटाकर 30% किया गया. भारत और अमेरिका के बीच 500 अरब डॉलर के व्यापार समझौते पर चर्चा जारी है. भारत के वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल अमेरिकी अधिकारियों से व्यापार वार्ता को तेज करने के लिए मुलाकात कर रहे हैं.भारत ने अमेरिका से ऊर्जा और रक्षा उपकरण खरीदने का वादा किया है. भारत IT और सेवा क्षेत्र में अमेरिका के साथ सहयोग को मजबूत करने की कोशिश कर रहा है.
किन क्षेत्रों को सबसे ज्यादा खतरा?
यदि अमेरिका भारत पर टैरिफ बढ़ाता है, तो इन क्षेत्रों पर सबसे ज्यादा असर पड़ेगा:
ऑटोमोबाइल उद्योग – अमेरिका भारत से कई ऑटोमोबाइल पार्ट्स आयात करता है.
रसायन और धातु उद्योग – स्टील और एल्युमीनियम उत्पादों पर 25% टैरिफ लग सकता है.
आभूषण उद्योग – भारत का हीरा और सोने का निर्यात प्रभावित हो सकता है.
फार्मास्यूटिकल्स – अमेरिकी बाजार में भारतीय दवाओं की बिक्री प्रभावित हो सकती है.
कृषि उत्पाद – झींगा, डेयरी उत्पाद और अन्य कृषि निर्यात पर भारी असर पड़ सकता है.